सिलीगुड़ी में आइपीएल का जारी है गोरखधंधा

सिलीगुड़ी : आइपीएल क्रिकेट मैच का जुनून इस सीजन में भी पूरे देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी सर चढ़ कर बोल रहा है. साथ ही सट्टा बाजार भी पूरे शबाब पर है. जिसका खामियाजा रुपम देवनाथ (31) नामक एक व्यक्ति को भोगना भी पड़ चुका है. कामाख्यागुड़ी के रहनेवाले इस बंदे ने आइपीएल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 19, 2018 5:06 AM
सिलीगुड़ी : आइपीएल क्रिकेट मैच का जुनून इस सीजन में भी पूरे देश-दुनिया के साथ ही सिलीगुड़ी में भी सर चढ़ कर बोल रहा है. साथ ही सट्टा बाजार भी पूरे शबाब पर है. जिसका खामियाजा रुपम देवनाथ (31) नामक एक व्यक्ति को भोगना भी पड़ चुका है. कामाख्यागुड़ी के रहनेवाले इस बंदे ने आइपीएल सट्टा में अपनी जीवन भर की कमाई उड़ा दी और मंगलवार को उसने रेल से कट कर आत्महत्या कर ली.
सिलीगुड़ी का सट्टा बाजार
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी में सट्टा बाजार सेवक रोड के क्लब टाउन के नजदीक एक नामी रेस्तरां से नियंत्रित किया जा रहा है. इसके अलावा विधान मार्केट के हांगकांग मार्केट, मुर्गी हट्टी, एसएफ रोड, सिलीगुड़ी जंक्शन, मल्लागुड़ी, चंपासारी, प्रधाननगर व अन्य इलाकों में धड़ल्ले से यह गोरखधंधा चल रहा है. इनमें सेवक रोड सिलीगुड़ी मेट्रॉपोलिटन पुलिस अंतर्गत भक्तिनगर थाना, विधान मार्केट, एसएफ रोड सिलीगुड़ी थाना और चंपासारी, सिलीगुड़ी जंक्शन आदि इलाका प्रधाननगर थाना क्षेत्र में पड़ता है.
इनके अलावा एनजेपी, माटीगाड़ा, बागडोगरा थाना इलाकों में भी सट्टा बाजार चरम पर है. सिलीगुड़ी व आस-पास के इलाकों में भी इस गोरख धंधे को अंजाम देनेवाले सरगना अंडरग्राउंड रहकर हाइटेक पद्धति से इसे नियंत्रित कर रहे हैं. ये सट्टेबाज शहर के धनाड्य घरानों से जुड़े है और काफी शिक्षित भी हैं.
कैसे दिया जा रहा सट्टा को अंजाम
हाट-बाजारों, चाय दुकानों व गुमटियों के आस-पास सट्टा गिरोह से जुड़े गुर्गे क्रिकेट प्रेमियों (खेल में पैसा लगानेवाले व्यक्तियों) को टार्गेट करते हैं. मोटी रकम जीतने का लालच देकर ये गुर्गे लोगों को अपने झांसे में ले लेते हैं और आइपीएल के चकाचौंध में कम समय में अधिक कमायी करने की उत्सुकता में क्रिकेट प्रेमी पैसा लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे.
कौन हैं ये गुर्गे
सट्टा गिरोह से जुड़े ये गुर्गे और कोई नहीं बल्कि स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएं व शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियां ही हैं. इन्हें सट्टा चलानेवाले मुख्य सरगना बड़ी कंपनी में पार्ट टाइम जॉब देने और अच्छे वेतन के विज्ञापनों के माध्यम से इस गोरखधंधे में उतार रहे हैं. विज्ञापनों में जिस कंपनी का उल्लेख या फिर संपर्क करने पर बताया जाता है वह पूरी तरह फर्जी कंपनी होती है.
गुर्गे करते हैं मार्केटिंग का काम
जो युवक-युवतियां सट्टा गिरोह के झांसे में फंस जाते हैं, वे गुर्गे कहलाने लगते हैं और ये गुर्गे गिरोह के मुख्य सरगना के लिए मार्केटिंग काम करते हैं. विधान मार्केट इलाके में ऐसे ही एक गुर्गे को मोबाइल फोन पर आइपीएल से जुड़ी बातें करते की गयी और पैसा लगाने की बात कहा गया तो उसने कयी अहम बातें उगल दी. उसने बताया कि वह दो वर्ष पहले ही ग्रेजुएट हो चुका है. लेकिन कोई काम नहीं है.
परिवार की माली हालत भी खराब है. वह कुछ दिनों पहले ही विज्ञापन के माध्यम से इस धंधे में आया. उसे पहले इसके लिए प्रशिक्षित किया गया. वहीं, जो युवतियां इस में फंसी हैं उन्हें घर बैठकर ही मोबाइल से ऐसे व्यक्तियों को संपर्क करना पड़ता है जो काफी धनाढ्य हैं. ऐसे धनाढ्य व्यक्तियों का नंबर उन्हें गिरोह के मुख्य सरगना से ही मिल जाती है. युवतियों को ऐसे व्यक्तियों को अपनी मिठी बातों में फंसाना पड़ता है.
क्या कहते हैं पुलिस कमिश्नर
सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर (सीपी) सुनील कुमार चौधरी का कहना है कि आइपीएल के सट्टा बाजार पर खासतौर पर निगरानी रखी जा रही है. इसके लिए साइबर थाना को विशेष निर्देश दिया गया है. हर संभावित जगहों पर पुलिस नजर गराये हुए हैं. श्री चौधरी का कहना है कि किसी भी तरह का अवैध धंधा कतयी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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