सिलीगुड़ी पहुंचे कुल 17 देशों के 56 प्रतिनिधि

विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाने को तैयार है गाजलडोबा पूरे उत्तर बंगाल का सौंदर्य देख हुए अवाक पर्यटन क्षेत्र में निवेश को लेकर हुई चर्चा राज्य सरकार ने दिया सभी को सहयोग का भरोसा सिलीगुड़ी : विश्व के 17 देशों के समक्ष राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपनों की परियोजना भोरेर आलो को प्रस्तुत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 22, 2018 2:11 AM
विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाने को तैयार है गाजलडोबा
पूरे उत्तर बंगाल का सौंदर्य देख हुए अवाक
पर्यटन क्षेत्र में निवेश को लेकर हुई चर्चा
राज्य सरकार ने दिया सभी को सहयोग का भरोसा
सिलीगुड़ी : विश्व के 17 देशों के समक्ष राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपनों की परियोजना भोरेर आलो को प्रस्तुत किया गया. सीआइआइ के सहयोग से डेस्टिनेशन इस्ट कार्यक्रम के तहत रविवार को गाजलडोबा में विश्व के विभिन्न देशों से आये निवेशकों के साथ राज्य सरकार के प्रतिनिधि दल ने मुलाकात की.
विश्व के 17 देशों से आये 56 प्रतिनिधि भोरेर आलो सहित उत्तर बंगाल के प्राकृतिक सौंदर्य के कायल दिखे. इन 56 प्रतिनिधियों को 25 जनवरी तक दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र, डुआर्स के साथ पूरा उत्तर बंगाल दिखाया जायेगा.
किसी राज्य के विकास में पर्यटन व्यवसाय का काफी महत्वपूर्ण स्थान है. बंगाल में भी इस व्यवसाय ने रफ्तार पकड़ी है, लेकिन दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र की राजनीतिक कारणों की वजह से पर्यटन को पिछले कुछ महीने में काफी नुकसान सहना पड़ा है.
उत्तर बंगाल में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया है. हाल ही में कोलकाता में ग्लोबल बंगाल बिजनेस समिट संपन्न हुआ. उसके बाद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आठवां डेस्टिनेशन इस्ट का आयोजन किया गया था. जिसमें विश्व के 30 देशों के पर्यटन व्यवसाय से जुड़े 102 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. उनमे से 17 देशों के 56 पर्यटन व्यापारियों का एक प्रतिनिधि गाजलडोबा पहुंचा.
यहां एक कार्यक्रम के तहत इन लोगों को गाजलडोबा की भोरेर आलो परियोजना के अतिरिक्त उत्तर बंगाल के प्राकृतिक सौंदर्य से अवगत कराया गया. आज के इस कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री गौतम देव,राज्य पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव अत्री भट्टाचार्य, , उत्तर बंगाल विकास मंत्री रवींद्रनाथ घोष, आदिवासी विकास मंत्री जेम्स कुजूर, पर्यटन के राज्य मंत्री बच्चू हांसदा, पर्यटन विभाग के सचिव मनीष जैन, सीआइआइ उत्तर बंगाल के चेयरमैन राजीव लोचन व अन्य गणमान्य मंच पर उपस्थित थे.
मंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इसके बाद सीआइआइ के राजीव लोचन ने अतिथियों का स्वागत किया. राज्य पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव अत्री भट्टाचार्य ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गाजलडोबा के इस प्रकृतिक सौंदर्य को मुख्यमंत्री ने भोरेर आलो का नाम दिया है.
डोबा का मतलब ही नीची भूमी में जल जमाव से है. तीस्ता कैनल, जंगल व वातावरण का एक हसीन नजारा यहां दिखता है. यह प्राकृतिक सौंदर्य एक दिन टूरिज्म हब के रूप में उभरेगा. मंत्री गौतम देव ने कहा कि यहां अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा, उत्तर पूर्व का दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन स्थित है.
एशियन हाइवे सड़क भी गाजलडोबा होकर ही निकलती है. साथ ही डुआर्स का गोरूमारा, जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान, पहाड़ो की रानी दार्जिलिंग, कर्सियांग, कालिम्पोंग आदि पर्यटन स्थल भी विश्व में विख्यात है. सूर्य की पहली किरण कंचनजंघा पर पड़ने का नजारा गाजलडोबा से साफ दिखता है. पड़ोसी राज्य सिक्कम के साथ पड़ोसी देश नेपाल, भूटान व बांग्लादेश की सीमा भी सटी हुयी है. इसके अतिरिक्त यहां प्रवासी पक्षियों का जमघट लगता है.
भोरेर आलो परियोजना में राज्य सरकार ने यहां 208 एकड़ जमीन पर 200 करोड़ रूपये से भी अधिक निवेश कर चुकी है. सरस्वती जंगल के भीतर से बंगाल सफारी को जोड़ा जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि यहां आने वाले पर्यटकों को खुले जंगल में पशु-पक्षियों को देखने का मौका मिलेगा. इसके अतिरिक्त यहां गोल्फ कोर्स, तकनिकी संस्थान, होटल व रिसॉर्ट बनाने की योजना है. बिजली, पेयजल, सुरक्षा आदि मुहैया कराने के साथ ही राज्य सरकार ने इस परियोजना को बढ़ावा देने के लिए एक मास्टर प्लान भी तैयार किया है. इनके अलावे मंत्री रवींद्रनाथ घोष, जेम्स कुजूर आदि ने भी विदेशी अतिथियों को संबोधित किया.
क्या कहते हैं विदेशी मेहमान
फिनलैंड से आयी एलिसा सिटोनेन, स्पेन के मैंड्रिड से आयी नेवलिया एसपीवोसा भोरेर आलो परियोजना से काफी आकर्षित दिखी. उन्होंने बताया कि यह काफी खुबसूरत पर्यटन स्थल है.
विदेश के पर्यटक इसे काफी पसंद करेगें. वहीं ऑस्ट्रेलिया के सिडनी से आयी ग्रेस एल्च ने बताया कि वे इससे पहले भी भारत आ चुकी हैं. राजस्थान, लद्दाख, जम्मू-काश्मीर, केरल आदि घूमने के लिए पर्यटकों को भी भेज चुकी है. जिससे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.
गाजलडोबा या उत्तर बंगाल में उन्होंने पहली बार कदम रखा है. प्राकृतिक सौंदर्य से भरा गाजलडोबा का यह स्थान काफी मनमोहक है. विदेश के पर्यटक ऐसे स्थलों पर छुट्टियां बिताना अधिक पसंद करते हैं. यहां से दार्जिलिंग, सिक्किम व नेपाल, भूटान व बांग्लादेश की सीमा भी पास है.
जो पर्यटकों को काफी आकर्षित करेगी. अमेरिका की एक ट्रेवल एजेंट एलिजा पिकाजो ने बताया कि यहां का वातावरण, प्राकृति सौंदर्य का नजारा काफी मनमोहक है. यहां से दार्जिलिंग, सिक्किम आदि जाने के लिए हैलीकॉप्टर आदि की व्यवस्था होने से विदेशी पर्यटकों को काफी सुविधा होगी. उन्होंने बताया कि भ्रमण पर निकले पर्यटकों को एक नजारा दिखाने के लिए 7 से 8 घंटे गाड़ी में यात्रा करना उबाउ लगता है.
वे इससे पहले भी भारत आ चुकी हैं. उनके पर्यटक राजस्थान को काफी पसंद करते हैं. हांलाकि पर्यटकों के लिए यह एक नया दर्शनीय स्थल है. दार्जलिंग पहाड़, ट्वॉय ट्रेन, डुआर्स के जंगलों के बीच गाजलडोबा का नजारा काफी खुबसूरत है.

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