अब क्या खुद गद्दारी नहीं कर रहे विमल : संदीप छेत्री

पहले ममता से बात करने को विमल गुरुंग ने गद्दार कहा अब खुद राज्य की मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश में दार्जिलिंग : विमल गुरुंग ने बंगाल सरकार से बात करने के कारण विनय तमांग और अनित थापा को गद्दार करार दिया था. अब वही विमल गुरुंग राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 15, 2018 9:19 AM
पहले ममता से बात करने को विमल गुरुंग ने गद्दार कहा
अब खुद राज्य की मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश में
दार्जिलिंग : विमल गुरुंग ने बंगाल सरकार से बात करने के कारण विनय तमांग और अनित थापा को गद्दार करार दिया था. अब वही विमल गुरुंग राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करना चाहते हैं. तो क्या वह खुद गद्दार नहीं हैं? हाल ही में विमल गुरुंग के मीडिया में आये बयान के बाद यह प्रतिक्रिया गोजमुमो (विनय गुट) के दार्जिलिंग महकमा समिति के प्रवक्ता संदीप छेत्री ने दी है. संदीप छेत्री ने कहा कि अगर विमल गुरुंग पहले ही बात करना चाहते तो पहाड़ पर अशांति और 105 दिनों तक बंद की नौबत नहीं आती.
संदीप छेत्री ने कहा कि हालात हाथ से निकलने के बाद विमल गुरुंग इससे पहले भी ममता दीदी के साथ वार्ता करने की तीन बार इच्छा जता चुके हैं. आन्दोलन के दौरान रोशन गिरी के नेतृत्व में मोर्चा प्रतिनिधिमंडल केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ भेंटवार्ता करने के लिए गया था. उस दौरान भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ वार्ता की इच्छा जतायी थी.
इसी तरह से सिक्किम के नामची से वार्ता की इच्छा जतायी थी. और इसके बाद कोलकाता के कालीघाट स्थित ममता दीदी की घर में अपने विधायकों के हाथ से पत्र भेजा था, जिसमें वार्ता की इच्छा जतायी गयी थी. लेकिन दीदी ने विमल गुरुंग का वार्ता का प्रस्ताव खारिज कर दिया था. अब करीब आठ महीना बाद विमल गुरुंग मीडिया के समक्ष आये हैं, तो फिर ममता दीदी के साथ भेंट करने की इच्छा जता रहे हैं.
संदीप छेत्री ने कहा कि अगर विमल गुरुंग ने 5 जनवरी 2017 को मुख्यमंत्री से उनके मिरिक भ्रमण के दौरान वार्ता की होती तो 8 जून को दार्जिलिंग के गोर्खा रंगमंच भवन के सामने पत्थरबाजी नहीं होते. 13 लोग शहीद नहीं होते.
277 से अधिक मोर्चा समर्थक जेल नहीं जाते. और, 105 दिन का निरर्थक बंद नहीं होता. लेकिन इतना सबकुछ होने के बावजूद अब फिर विमल गुरुंग ममता दीदी से वार्ता करने की इच्छा जता रहे हैं. विनय तमांग और अनित थापा के मुख्यमंत्री के साथ वार्ता करने पर विमल गुरुंग ने इन लोगो को गद्दार कहा, मीरजाफर कहा. अब विमल गुरुंग को इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.

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