खाद्य आपूर्ति व वन विभाग के काम से विस समिति असंतुष्ट

जलपाईगुड़ी: विधानसभा की स्टैंडिंग कमेटी (स्थायी समिति) प्रदेश की राइस मिलों को कानूनी नियंत्रण में लाने के लिए विधानसभा से सिफारिश करेगी. मंगलवार को कमेटी के सदस्यों ने अपने दौरे में जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग और वन विभाग के कामकाज को लेकर असंतोष जताया है. कमेटी के सदस्यों ने बताया कि राशन कार्ड में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2017 9:57 AM

जलपाईगुड़ी: विधानसभा की स्टैंडिंग कमेटी (स्थायी समिति) प्रदेश की राइस मिलों को कानूनी नियंत्रण में लाने के लिए विधानसभा से सिफारिश करेगी. मंगलवार को कमेटी के सदस्यों ने अपने दौरे में जिले में खाद्य आपूर्ति विभाग और वन विभाग के कामकाज को लेकर असंतोष जताया है. कमेटी के सदस्यों ने बताया कि राशन कार्ड में ढेरों गलतियों को सुधारने के लिये जिला प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग को विधानसभा की खाद्य व वनविभाग विषयक स्थायी समिति ने कुछ जरूरी निर्देश दिये हैं.

कमेटी ने इस बात के लिये असंतोष व्यक्त किया है कि जिले में अभी भी 29 एमआर शॉपों के लाइसेंस कई साल से लंबित हैं. खाद्य विभाग को लेकर शिकायत दर्ज कराने के लिये अभी तक जिला स्तर पर रिड्रेसल फोरम का गठन तक नहीं किया गया है. यह जानकारी कमेटी के अध्यक्ष और पुरुलिया से विधायक नेपाल महतो ने दी है.
जिले के दौरे पर आये कमेटी के सदस्यों ने जिला प्रशासन के सभागार में 10 सदस्यीय कमेटी के साथ जिलाधिकारी रचना भगत, खाद्य आपूर्ति विभाग और वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. नेपाल महतो ने बताया कि कमेटी कोलकाता नहीं जाकर जिले से ही लाइसेंस बनवाने की सिफारिश की जायेगी. इसी तरह नये राशन कार्ड बनवाने के लिये भी जिले में ही औपचारिकताएं पूरी की जानी चाहिए. उन्होंने बताया कि उपभोक्तओं के लिये रिड्रेसल फोरम का गठन करने संबंधी सरकारी विज्ञप्ति विगत जनवरी में ही जारी की गई थी. लेकिन आज तक जिला स्तरीय फोरम का गठन नहीं किया गया. उसके बाद ब्लॉक और पंचायत स्तर पर भी कमेटी गठित की जायेगी.
उन्होंने राइस मिलों को कानूनी नियंत्रण के दायरे में लाने को भी जरूरी बताया. उन्होंने बताया कि जलपाईगुड़ी जिले के पूर्व कमेटी बर्दवान जिले के दौरे पर गई थी. कई मामलों में राइस मिलों ने सरकार को चावल दिया ही नहीं. चूंकि इन मिलों पर राज्य सरकार का कोई कानूनी नियंत्रण नहीं है. बर्दवान जिले की राइस मिलों ने राज्य सरकार को 10 करोड़ रुपए का चूना लगाया है. जब सरकार ने इस पर कार्रवाई करना चाहा तो मिल मालिकों ने हाईकोर्ट से स्थगनादेश ले लिया.
वन विभाग के अधिकारी कमेटी के समक्ष सही तथ्य नहीं दे सके
मंगलवार को हुई इस बैठक में जिला वन विभाग के अधिकारी कमेटी के समक्ष सही तथ्य नहीं दे सके. मिसाल के बतौर नॉन फॉरेस्ट जमीन के पेड़ों के काटने पर हुई आय, अवैध रूप से जब्त लकड़ियों पर जुर्माने की रकम का हिसाब नहीं दिखा सके. प्राकृतिक आपदा में पेड़ों के गिरने के बाद उन्हें काटने के लिये कोलकाता से अनुमति लेनी पड़ती है. इसलिए अब जिले में ही इसकी अनुमति की व्यवस्था के लिये कमेटी सिफारिश करने जा रही है. स्टैंडिंग कमेटी में मालबाजार से विधायक बुलु चिकबड़ाइक, मयनागुड़ी से अनंतदेव अधिकारी, राजगंज से विधायक खगेश्वर राय के अलावा दक्षिण बंगाल के विधायक भी शामिल रहे. मंगलवार को ही बैठक के बाद प्रतिनिधिदल अलीपुरद्वार जिले के लिए रवाना हो गया.

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