अशोक भट्टाचार्य ने बजाया सिलीगुड़ी का डंका, सिटी प्लान पर दिया सुझाव

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अपने चार दिवसीय विदेश दौरे के दौरान वियतनाम में सिलीगुड़ी जबरदस्त तरीके से सिलीगुड़ी का डंका बजाया. पांच से आठ दिसंबर तक वियतनाम के हो चि मिंह सिटी में चार दिवसीय द मेयर्स फोरम में सिटी प्लान पर उम्दा सुझाव देकर काफी वाह-वाही लूटी. वियतनाम से लौटने के बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 9:55 AM

सिलीगुड़ी. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अपने चार दिवसीय विदेश दौरे के दौरान वियतनाम में सिलीगुड़ी जबरदस्त तरीके से सिलीगुड़ी का डंका बजाया. पांच से आठ दिसंबर तक वियतनाम के हो चि मिंह सिटी में चार दिवसीय द मेयर्स फोरम में सिटी प्लान पर उम्दा सुझाव देकर काफी वाह-वाही लूटी.

वियतनाम से लौटने के बाद सोमवार को सिलीगुड़ी नगर निगम के सभाकक्ष में प्रेस-वार्ता के दौरान मीडिया के सामने उन्होंने अपने इस सफर को सफल बताया. उन्होंने बताया कि द रीजिलियेंट सिटीज एशिया पेसिफिक कांग्रेस के आह्वान पर पूरे साउथ एशिया के देशों के विभिन्न शहरों से आये सैकड़ों मेयर का समावेश हुआ. इस समावेश का मुख्य विषय सिटी प्लान ‘रीप्लिसियेटेड एंड इम्पोजड’ था.


इस मुद्दे पर उन्हें भी सुझाव व प्रस्ताव देने का मौका मिला. श्री भट्टाचार्य ने बताया कि 2015-16 में सिलीगुड़ी में हुए एक सर्वे के हवाले से सिटी प्लान और कलाइमेट चेंज पर जो सुझाव दिया उसे सबों ने काफी सराहा. साथ ही उनके प्रस्ताव को स्वीकार भी किया गया. उन्होंने बताया कि किसी भी शहर के चहुमुखी विकास के लिए वहां की भौगोलिक स्थिति और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर ही पूरा प्लान तैयार करना जरुरी है.

उन्होंने उदाहरण स्वरुप बताया कि विकसित देश और विकासशील देश में काफी अंतर है. मुंबई को कभी भी लंदन शहर में तब्दील नहीं किया जा सकता और मुंबई के जैसा कोलकाता कभी तैयार नहीं हो सकता. उन्होंने शहरों के विकास मे सबसे बड़ा रोड़ा काफी तेज रफ्तार से बढ़ रही वाहनों को बताया. श्री भट्टाचार्य ने सिलीगुड़ी में हुए एक सर्वे का दावा करते हुए कहा कि जनसंख्या की तुलना में प्रत्येक वर्ष वाहनों की संख्या काफी अधिक बढ़ रही है. लेकिन बढ़ते वाहनों के लिए सड़के छोटी पड़ती जा रही है.


साथ ही जलवायु परिवर्तन के लिए भी बेलगाम वाहनें ही प्रमुख कारण है. उन्होंने समावेश में बढ़ते वाहनों पर गहरी चिंता जतायी. उन्होंने सिलीगुड़ी जैसे शहरों में प्रदूषण का प्रमुख कारणों में वाहनों को पहला, घरेलू प्रदूषण को दूसरा स्थान दिया. साथ ही डंपिंग ग्राउंड से निकलने वाली गैस को भी प्रदूषण का अहम कारण बताया. साथ ही उन्होंने दावे के साथ कहा कि इनके तुलना में सिलीगुड़ी जैसे शहरों में इंडस्ट्रीज से काफी कम प्रदूषण फैलता है. श्री भट्टाचार्य ने बताया कि चार दिवसीय समावेश के दौरान छोटे से छोटे देश ग्रीन सिटी को लेकर काफी गंभीर दिखे. ग्रीन सिटी विकसित करने की कई योजनाओं पर भी चर्चा हुई. जिसे सिलीगुड़ी में भी लागू करने की योजना है.

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