कन्याआें की हालत देखनी है तो सोनागाछी घूम आयें : तसलीमा

कोलकाता. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दुनिया के 63 देशों के 552 नागरिक परिसेवा के बीच कन्याश्री को पुरस्कृत करने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दुनिया भर में धूम मची हुई. उनकी इस परियोजना की दुनिया भर में सराहना हो रही है. पर विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2017 10:29 AM
कोलकाता. संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दुनिया के 63 देशों के 552 नागरिक परिसेवा के बीच कन्याश्री को पुरस्कृत करने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दुनिया भर में धूम मची हुई. उनकी इस परियोजना की दुनिया भर में सराहना हो रही है. पर विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन यह स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं कि राज्य में महिलाआें का विकास हुआ है.

शनिवार सवेरे अपने फेसबुक वाल पर उन्होंने ममता सरकार की जम कर निंदा करते हुए कहा है कि पश्चिम बंगाल में अगर कन्याआें की सही स्थिति जाननी है तो एक बार सोनागाछी घूम आयें. तसलीमा लिखती हैं कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने ममता बनर्जी को राज्य की कन्याश्री परियोजना के लिए पुरस्कृत किया है.

शानदार, पर कन्याआें का श्री देखना चाहते हैं तो दक्षिण एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी घूम आयें. कालीघाट, बउबाजार, खिदिरपुर, लेबुतला के रेड लाइट एरिया में जा कर देखें किस तरह कन्याआें को यौनदासी बन कर बेहद घटिया वातावरण में जीना पड़ रहा है. किस तरह छोटी बच्चियों तक की तस्करी हो रही है आैर उन्हें रोजाना वेश्यालयों में बेचा जा रहा है. तसलीमा आगे लिखती हैं कि केवल दुष्कर्म ही नहीं, यहां तो सामूहिक दुष्कर्म हो रहा है. पश्चिम बंगाल में महिलाआें की वर्तमान स्थिति पर आवाज उठाते हुए बांग्लादेशी लेखिका लिखती हैं कि रास्तों, गलियों में कन्याआें के साथ दिन-ब-दिन यौन उत्पीड़ण की घटनाएं बढ़ रही हैं. घरों के अंदर सैकड़ों कन्याएं रोजाना पति व ससुरवालों के अत्याचार का शिकार हो रही हैं.

पढ़ी-लिखी कन्याएं उत्पीड़न बर्दाश्त न कर सकने की स्थिति में आत्महत्या कर रही हैं. तसलीमा कटाक्ष करते हुए कहती हैं कि चलो देख आते हैं कि कितनी सैकड़ों कन्याएं दहेज प्रथा का शिकार हो रही हैं आैर वधु हत्याआें का प्रतिशत किस तरह बढ़ रहा है. बाल विवाह की शिकार कितनी लाख कन्याएं हुई हैं. राज्य में महिलाआें की दुर्दशा का आरोप लगाते हुए तसलीमा कहती हैं : मैं इसे कैसे देख सकती हूं. मेरे तो पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने पर पाबंदी है, क्योंकि मैंने एक बड़ा अपराध जो किया है. कन्याआें का समान अधिकार मांगते हुए दो दर्जन किताबें लिखी हैं.

Next Article

Exit mobile version