दार्जिलिंग पर केंद्र का हस्तक्षेप नहीं चाहती है बंगाल सरकार, अलग गोरखालैंड की मांग पर अड़ा GJM

कोलकाता : राज्य सरकार दार्जिलिंग पर 19 जून को त्रिपक्षीय बैठक के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राजी नहीं है. केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने यह राय दी है. गुरुवार दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भाजपा के सांसद एएस अहलुवालिया व गोरखा जनमुक्ति मोरचा के महासचिव रोशन गिरि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 15, 2017 7:08 PM

कोलकाता : राज्य सरकार दार्जिलिंग पर 19 जून को त्रिपक्षीय बैठक के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राजी नहीं है. केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने यह राय दी है. गुरुवार दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भाजपा के सांसद एएस अहलुवालिया व गोरखा जनमुक्ति मोरचा के महासचिव रोशन गिरि ने बैठक की. बैठक के बाद केंद्र सरकार ने दार्जिलिंग में और चार कंपनी केंद्रीय वाहिनी भेजने का फैसला किया. बैठक के बाद श्री अहलुवालिया ने अारोप लगाया कि दार्जिलिंग की स्थिति शांतिपूर्ण थी, लेकिन हाल के नगरपालिका चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा था.

इस कारण तृणमूल कांग्रेस राजनीतिक रूप से दार्जिलिंग को अशांत करने की कोशिश कर रही है. वहीं श्री गिरि ने कहा कि चूंकि फिलहाल जीटीए भंग कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में त्रिपक्षीय बैठक का औचित्य नहीं है. उन्होंने फिर से अलग गोरखालैंड की मांग दोहरायी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अलग गोरखालैंड की मांग पर राजनीतिक वार्तालाप शुरू करे.

कुछ गुंडे मिलकर दार्जीलिंग में फैला रहे हैं तनाव : ममता
राज्य के सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल दार्जीलिंग को अशांत करने के लिए गत कुछ दिनों से वहां कुछ गुंडे लगातार तनाव फैला रहे हैं. गोली व बंदूक के दम पर वहां घिनौनी राजनीति कर रहे हैं. राज्य सरकार ऐसा होने नहीं देगी. सरकार किसी भी तरह से इस तनाव को खत्म कर वहां शांति लाकर रहेगी. गुरुवार को कोलकाता व राज्य पुलिस के संयुक्त वार्षिक अलंकरण समारोह में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह बातें कही. उन्हों‍ने कहा कि पहाड़ में आठ जून को उनकी मौजूदगी में महज दो घंटे में राज्य सरकार के कई कैबिनेट मंत्री को जान से मारने की कोशिश की गयी थी. कई महिलाओं के कपड़े जला दिये गये, कई वाहनों को भी जला दिया गया. पहाड़ में व्यापार बंद कर दिया गया है. वहां का पर्यटन उद्योग बंद कर दिया गया है. सरकारी कामकाज ठप्प पड़े हैं. पहाड़ में आये दिन कुछ गुंडे अशांति फैला रहे हैं.
वहां कुछ लोग गोली व बंदूक से पुलिस पर हमला कर रहे हैं. उन्हें यह देखना व सोचना चाहिये कि पुलिस में काम करने वाले उनके ही भाई-बहन हैं. आये दिन पुलिस पर पत्थर फेंके जा रहे हैं. उन्हें चोंटिल किया जा रहा है. सरकारी दफ्तर जला दिया जा रहा है. ‘दार्जीलिंग नामक ब्रैंड’ को नष्ट कर दिया गया है. पहाड़ में एक राजनीतिक साजिश काम कर रही है. वहां के लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी खतरे में पड़ गयी है. राज्य सरकार किसी भी दम पर ऐसा होने नहीं देगी. पहाड़ में रहने वाले भाई बहनों के लिए राज्य सरकार हर हाल में वहां शांति लौटायेगी. पहाड़ में फैली अशांति व वहां गोली-बम की मौजूदगी पर ममता ने कहा कि मै मान रही हूं की इस मामले में राज्य का इंटेलिजेंस फेल हुआ है. पहाड़ में इतनी मात्रा में गोली-बम लाये गये और सरकार के इंटेलिजेंस को इसकी भनक तक नहीं चली. इसके कारण उन्होंने इससे जुड़े अधिकारियों पर कड़े कदम उठाये हैं. पहाड़ में शांति लौटाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. उन्हों उम्मीद है कि जल्द पहाड़ में शांति लौट आयेगी.
सीआरपीएफ की दस कंपनियां तैनात ,केंद्र चिंतित
भाषा विवाद और अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोरचा के आंदोलन से दार्जीलिंग पर्वतीय क्षेत्र में पैदा हुए हालात से केंद्र चिंतित है. पश्चिम बंगाल पुलिस से केंद्र सरकार ने रिपोर्ट तलब की है. उधर, गोजमुमो के सरकारी कार्यालय बंद के एलान के दूसरे दिन भी सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा. मंगलवार को चाय श्रमिकों की भी हड़ताल थी, जिसे गोजमुमो ने समर्थन दिया था. चौक बाजार इलाके में गोजमुमो समर्थकों और पुलिस में भिड़ंत हो गयी.पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया. एक मोरचा समर्थक को गिरफ्तार किया गया.

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