विस के सामने प्रदर्शन, पुलिस से झड़प
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) 2022 में उत्तीर्ण लगभग 200 अभ्यर्थियों ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर गुरुवार को राज्य विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने डोरिना क्रॉसिंग, एस्प्लानेड से विधानसभा तक रैली निकाली. विधानसभा गेट के पास एकत्र होने से पहले जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में झड़प हो गयी.
कोलकाता.
शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) 2022 में उत्तीर्ण लगभग 200 अभ्यर्थियों ने राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर गुरुवार को राज्य विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने डोरिना क्रॉसिंग, एस्प्लानेड से विधानसभा तक रैली निकाली. विधानसभा गेट के पास एकत्र होने से पहले जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में झड़प हो गयी. टेट में सफल होने का दावा करने वाली सौम्या बर्मन ने कहा : हम तीन साल से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने सैकड़ों प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर अभी तक हमारी नियुक्ति नहीं की है. वे अंशकालिक शिक्षकों और पैरा-टीचर पर काम का बोझ डाल रहे हैं, जबकि हम नौकरी का इंतजार कर रहे हैं. हाथों में तख्तियां थामे प्रदर्शनकारी विधानसभा के सामने बैठ गये, जिसके बाद पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के कर्मियों ने उन्हें वहां से हटाकर जेल वाहन में डाल दिया. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए महिला पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद थीं. कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस अधिकारियों से विधानसभा गेट के सामने बैठने की अनुमति देने का आग्रह करते देखा गया. कोई सड़क पर लेट कर नारे लगा रहा था, तो कोई बैठ कर रो रहा था. यहां तक कि किसी को पुलिस के पैर पकड़ कर जोर-जोर से रोते हुए भी देखा गया. अभ्यर्थी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर सवाल उठा रहे हैं कि अनियमितताओं का कोई आरोप नहीं होने के बावजूद नियुक्ति क्यों नहीं हो रही है. उनका कहना था कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा था कि टीईटी हर साल दो बार आयोजित की जायेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और 2022 में हुई टीईटी परीक्षा के आधार पर भी कोई नियुक्ति नहीं हुई. वे तीन साल से नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे हैं. कई अभ्यर्थियों ने कहा : क्या हमने पास होकर गलती की? कुछ यह कहते रहे कि हम मरना चाहते हैं, कम से कम यह व्यवस्था तो की जाये. उनका साफ कहना था कि सरकार को अयोग्यों की चिंता है, हमारी नहीं.एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि यह इलाका निषिद्ध क्षेत्र है, इसलिए प्रदर्शनकारियों को न्यूनतम बल प्रयोग के जरिये तितर-बितर कर दिया गया. डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी समेत कई अधिकारी मौके पर मौजूद थे.
50 या 51 हजार शून्य पद जैसी बात नहीं : ब्रात्यडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
