गंगासागर : कटाव प्रभावित इलाकों की हो रही मरम्मत
गंगासागर में बढ़ते जलस्तर के कारण कई समुद्र तट कटाव से प्रभावित हुए हैं. इस प्राकृतिक समस्या से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष पहल की है. कटाव प्रभावित समुद्र तटों की मरम्मत के लिए प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाये जा रहे हैं.
शिव कुमार राउत, कोलकाता.
गंगासागर में बढ़ते जलस्तर के कारण कई समुद्र तट कटाव से प्रभावित हुए हैं. इस प्राकृतिक समस्या से निबटने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष पहल की है. कटाव प्रभावित समुद्र तटों की मरम्मत के लिए प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाये जा रहे हैं.प्रशासन पहली बार सागरद्वीप की छह नहरों से निकाली गयी चिकनी मिट्टी को गंगासागर के कटाव प्रभावित समुद्र तटों पर बिछा रहा है. जिला प्रशासन को उम्मीद है कि इस वर्ष कुंभ स्नान न होने के कारण गंगासागर मेले में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हो सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए समुद्र तटों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जा रही है.जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नहरों की ड्रेजिंग आवश्यक थी और साथ ही समुद्र तट को दुरुस्त करना भी प्राथमिक कार्यों में शामिल है. उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 95 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य एक से दो दिनों के भीतर पूरा कर लिया जायेगा. इस कार्य में सिंचाई विभाग भी सहयोग कर रहा है.
गंगासागर में दिखेगी बंगाल के प्रसिद्ध मंदिरों की झलक : अधिकारी ने बताया कि कपिल मुनि मंदिर से समुद्र तट की ओर जाने वाली सड़क के किनारे बंगाल के विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरों की झलक देखने को मिलेगी. श्रद्धालुओं के लिए अतिरिक्त आकर्षण के रूप में दीघा का जगन्नाथ मंदिर, तारापीठ मंदिर, दक्षिणेश्वर, उत्तर बंगाल का महाकाल मंदिर और कालीघाट जैसे प्रसिद्ध मंदिरों की अस्थायी प्रतिकृतियां बनायी जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु गंगासागर में ही इनके दर्शन कर सकें.रिकॉर्ड भीड़ की संभावना : जिला प्रशासन का अनुमान है कि इस वर्ष सागर मेले में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच सकते हैं. इसे देखते हुए पीने के पानी, शौचालय, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. शेड और यात्री निवास की संख्या दोगुनी की जा रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक अतिरिक्त बस स्टैंड बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.
31 दिसंबर से रोशन होगा मेला परिसर : श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए मेला परिसर के हर हिस्से में प्रकाश व्यवस्था की जा रही है. मेला ग्राउंड को 31 दिसंबर से पूरी तरह रोशन कर दिया जायेगा.मुड़ीगंगा नदी की ड्रेजिंग पूरी : गंगासागर पहुंचने के लिए मुड़ीगंगा नदी को पार करना पड़ता है. पहले ड्रेजिंग की समस्या के कारण जहाजों का संचालन बाधित होता था, लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन के अनुसार ड्रेजिंग का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है. अब लॉट नंबर आठ से कचुबेड़िया, नामखाना से रामगढ़ और सागरद्वीप तक चौबीसों घंटे आवाजाही संभव होगी. राज्य सिंचाई विभाग ने बस स्टैंड से कपिल मुनि मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर सुरक्षा के लिए बैरिकेड लगाये हैं. गंगासागर बक्खाली विकास प्राधिकरण मेला शुरू होने से पहले सड़क की मरम्मत भी पूरी कर देगा. दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार मीना स्वयं सभी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और शेष बचे कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दे रहे हैं.
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