10 दिनों तक घर में डिजिटल अरेस्ट रख 1.27 करोड़ की लूट

हर व्यक्ति को सजग करने के प्रयासों के बावजूद साइबर शातिरों के झांसे में आ रहे लोग

By SANDIP TIWARI | August 21, 2025 8:47 PM

हर व्यक्ति को सजग करने के प्रयासों के बावजूद साइबर शातिरों के झांसे में आ रहे लोग आसनसोल. हीरापुर थाना क्षेत्र के रवींद्रनगर, डॉली लॉज के निकट सत्यम अपार्टमेंट के निवासी तपन कुमार माजी(62) को साइबर क्राइम के शातिरों ने गत चार अगस्त से 13 अगस्त यानी कुल 10 दिनों तक उन्हें अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा और 1,27,04,332 रुपये लूट लिये. श्री माजी को अपराधियों ने मनी लॉन्डरिंग और टेरर फंडिंग की कहानी बता कर अपने जाल में फंसाया और वे सहज ही उनके झांसे में आ गये. 10 दिनों तक वीडियो-कॉल के जरिये उन पर निगरानी की और सारे रुपये लूट कर निकल गये. श्री माजी की शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना आसनसोल में बुधवार रात को प्राथमिकी दर्ज हुई. केस नंबर 59/25 में बीएनएस की धारा 308(6)/316(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/61(2) के तहत अज्ञात बदमाशों की खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. गौरतलब है कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से निरंतर प्रयास किया जा रहा है. पिछले कुछ महीनों में मोबाइल फोन पर कॉल करते ही रिंग बजने से पहले डिजिटल अरेस्ट को लेकर जागरूक किया जाता था. जिसे मोबाइल फोन उपयोग करनेवाले हर उपभोक्ता हर बार किसी को कॉल करने पर सुना होगा. इसके बावजूद भी डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार हो रहे हैं. तपन कुमार माजी से हुई ऐसे साइबर ठगी: श्री माजी ने अपनी शिकायत में बताया कि चार अगस्त 2025 को सुबह साढ़े दस बजे उन्हें 911409309068 नम्बर से मोबाइल फोन पर कॉल आया. कॉल करनेवाले ने खुद को डीजीसीएस से राहुल राय परिचय देते हुए बताया कि उनके आधार कार्ड नम्बर का उपयोग करके मुंबई में एक मोबाइल सिम कार्ड और केनरा बैंक में धोखाधड़ी से एक खाता खोला गया है. इस खाते से दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है और यह अवैध गतिविधियों (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़ा था. यह बताकर फोन रख दिया. इसके तुरंत बाद ही व्हाट्सएप पर 9748438521 नम्बर से एक महिला का कॉल आया. उसने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया. जिसने फर्जी प्रमाण पत्र भी साझा किया और इस मामले में जांच का दावा किया. वीडियो कॉल पर वर्दी पहने एक पुरुष अधिकारी आकर उनपर टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि दो करोड़ रुपये के लेनदेन में उन्हें 20 लाख रुपये का कमीशन मिला है. उनलोगों ने भारी मनोवैज्ञानिक दाबाव डाला और यह दावा किया कि उन्हें डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया है. राष्ट्रीय गोपनीयता अधिनियम का हवाला देकर चार अगस्त से 13 अगस्त तक उन्हें वीडियो कॉल पर निगरानी में रखा. उन्हें डराया गया कि यदि वे उनलोगों की बात नहीं मानते हैं तो उन्हें कारावास और भारी जुर्माना हो सकता है. दाबाव और डर से वे अपनी सारी बचत खातों की राशि, सावधि जमा, स्टॉक और म्युचुअल फंड से जुड़ी सारी राशि 1,27,04,332 रुपये 13 किश्तों में उनके बताए खाते में भेज दिया. आरबीआइ की गाईडलाइन के तहत यह कार्रवाई बताया. जिसके बाद वे गायब हो गये.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है