फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ देखने को उमड़े लोग नंदन परिसर में लगा सिनेमा प्रेमियों का मेला

फिल्मों पर आधारित प्रदर्शनी और सिने-अड्डा में शामिल लोगों में गजब का उत्साह

By GANESH MAHTO | November 9, 2025 1:17 AM

भारती जैनानी, कोलकाता

बंगाल के लोगों में सिनेमा को लेकर गहरा लगाव एक बार फिर देखने को मिला. 31वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (केआइएफएफ) के दौरान शनिवार को नंदन परिसर में दर्शकों का सैलाब उमड़ पड़ा. हालांकि पूरे परिसर के सभागारों में भीड़ देखने को मिली, लेकिन बिमल राय की क्लासिक फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ के प्रदर्शन के समय माहौल कुछ अलग ही था. फिल्म शुरू होने से पहले ही नंदन के बाहर दर्शकों की लंबी कतारें लग गयीं. 1953 में बनी ‘दो बीघा जमीन’ भारतीय सिनेमा की मील का पत्थर मानी जाती है. रवींद्रनाथ टैगोर की कविता ‘दुई बीघा जमीने’ और संगीतकार-साहित्यकार सलिल चौधरी की लघुकथा ‘रिक्शावाला’ से प्रेरित इस फिल्म में बलराज साहनी और निरूपा राय ने मुख्य भूमिकाएं निभाया थीं. समाजवादी विचारधारा पर आधारित यह फिल्म भारत के शुरुआती समानांतर सिनेमा की आधारशिला मानी जाती है. फिल्म के प्रदर्शन के दौरान न केवल आम दर्शक, बल्कि टॉलीवुड के कई चर्चित चेहरे भी मौजूद रहे. नंदन परिसर का हर कोना फिल्मी माहौल में डूबा नजर आया. फिल्म प्रदर्शन के साथ-साथ रवींद्र सदन और नंदन वन, टू, थ्री, फोर सभागारों में भी उत्साहपूर्ण गतिविधियां जारी रहीं. शनिवार को सिने-अड्डा सत्र में सुजय भौमिक, माधुरी दे और कबीर सुमन ने संगीत कार्यक्रम पेश किया. उन्होंने फिल्मों में संगीत की भूमिका और अपने अनुभव साझा किये. सत्र का संचालन अभिनेत्री जून मालिया ने किया. यहां भी लोगों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ी.

एक्जीबिशन बना आकर्षण का केंद्र

नंदन-थ्री के पास लगी डिजिटल प्रदर्शनी में चर्चित फिल्मों के पोस्टर और उनकी कहानियां प्रदर्शित की गयी हैं. परिसर में सजे टेलीफोन बूथ, शूटिंग कैमरा और पोस्ट ऑफिस जैसे मॉडल दर्शकों के लिए खास सेल्फी प्वाइंट बन गये हैं. फूड स्टॉल्स पर भी लोगों की भीड़ रही, वहीं कई फिल्मों के लिए नि:शुल्क टिकट पाने को दर्शकों की लंबी कतार नजर आयी. कई सिनेप्रेमियों ने कहा कि वे सालभर केआइएफएफ का इंतजार करते हैं. एक दर्शक ने कहा, “यहां आकर पूरा माहौल फिल्मी हो जाता है.” शनिवार को ‘द वाइल्ड बंच’, ‘अरण्येर दिनरात्रि’, ‘अयांत्रिक’ और वेदव्रत पाइन की ‘देजा वू’ समेत कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई, जिन्हें देखने भारी संख्या में दर्शक पहुंचे.

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