शिक्षक अब विशेष बच्चों को पढ़ा सकेंगे बेहतर ढंग से

सीआइएससीइ ने जारी की हैंडबुक

By SANDIP TIWARI | August 10, 2025 11:20 PM

सीआइएससीइ ने जारी की हैंडबुक कोलकाता. द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस (सीआइएससीइ) ने शिक्षकों के लिए समावेशी शिक्षा पर एक विशेष हैंडबुक जारी की है. इस हैंडबुक का मकसद शिक्षकों को ऐसे बच्चों की पहचान करने और उनकी मदद करने में सक्षम बनाना है, जिन्हें विशेष देखभाल या सहायता की जरूरत होती है. काउंसिल ने यह हैंडबुक इसलिए जारी की है ताकि स्कूलों को अपनी शिक्षा प्रणाली को और अधिक समावेशी बनाने में मदद मिल सके. यह शिक्षकों के लिए एक व्यावहारिक मार्गदर्शिका की तरह काम करेगी, जो उन्हें कक्षा में सभी छात्रों को एक साथ जोड़ने में सहायता करेगी, भले ही उनकी सीखने की जरूरतों, सामाजिक-आर्थिक स्थिति या लिंग में कोई भी अंतर हो. इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को जागरूक करना और उन्हें विशेष जरूरतों वाले बच्चों की पहचान करने और उनका समर्थन करने के लिए सशक्त बनाना है. 123 पन्नों की इस हैंडबुक में, छात्रों में अपनेपन की भावना पैदा करने पर जोर दिया गया है. यह दिव्यांग और गैर-दिव्यांग बच्चों को एक साथ सीखने और खेलने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे उनमें सहानुभूति और समझ विकसित हो सके. काउंसिल ने समावेशी शिक्षा में आने वाली तीन मुख्य बाधाओं की पहचान की है- अवसंरचनात्मक : जैसे, दृष्टिबाधित छात्रों के लिए स्पर्शनीय फर्श और सही रंग वाले संकेत. मनोवृत्तिगत : सोच और रवैये से जुड़ी बाधाएं. सामाजिक : जैसे, कक्षा में साथियों के बीच सम्मान की कमी. हैंडबुक में इन बाधाओं को दूर करने के लिए समाधान भी बताये गये हैं. इसमें शिक्षकों के लिए वास्तविक जीवन की परिस्थितियों पर आधारित गतिविधि पत्रक शामिल हैं, जिससे वे अपनी कक्षाओं की समस्याओं को समझ सकें और उनका सही समाधान निकाल सकें. काउंसिल के एक अधिकारी के अनुसार, हैंडबुक में एंटी-बुलिंग कार्यक्रमों और ऐसी गतिविधियों को भी शामिल किया गया है जो छात्रों के बीच सम्मान और स्वीकार्यता को बढ़ावा देती हैं.

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