आपसी बहस में उलझी दो राज्यों की पुलिस, अदालत पहुंचा मामला

बेलियाघाटा इलाके में एक घर में छापामारी करने आयी बेलियाघाटा थाने की पुलिस और नोएडा पुलिस के बीच कमरे का दरवाजा तोड़ने को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस आपस में बहस में उलझ गयी. मामला अंतत: अदालत में पहुंच गया.

By BIJAY KUMAR | September 17, 2025 10:45 PM

कोलकाता.

बेलियाघाटा इलाके में एक घर में छापामारी करने आयी बेलियाघाटा थाने की पुलिस और नोएडा पुलिस के बीच कमरे का दरवाजा तोड़ने को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस आपस में बहस में उलझ गयी. मामला अंतत: अदालत में पहुंच गया. पुलिस सूत्र बताते हैं कि बुधवार को नोएडा पुलिस बेलियाघाटा इलाके में स्थित पूर्व तृणमूल नेता बिभाष अधिकारी के फ्लैट की तलाशी लेने गयी थी. लेकिन कमरे में लगे ताले की चाभी न मिलने के कारण नोएडा पुलिस ने ताला तोड़ने का फैसला किया, लेकिन बेलियाघाटा थाने की पुलिस ने कथित तौर पर ऐसा करने से नोएडा पुलिस को रोक दिया. बताया जा रहा है कि बेलियाघाटा थाने की पुलिस ने नोएडा पुलिस से यहां तक कहा कि इसके लिए सियालदह अदालत से अनुमति लेनी होगी. इसके बाद, नोएडा पुलिस ने सियालदह अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने कहा, अनुमति देना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं : अदालत सूत्र बताते हैं कि मामले की सुनवाई के दौरान सियालदह अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस अदालत को यह अनुमति देने का अधिकार नहीं है. अगर तलाशी वारंट है, तो पुलिस तलाशी ले सकती है. इस मामले की सुनवाई के दौरान सियालदह अदालत के न्यायाधीश ने कहा, अगर कोई आरोपी अंदर है, तो क्या आप संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए अदालत की अनुमति लेते हैं? अदालत ने पुलिस को फटकार लगायी. हालांकि नोएडा पुलिस ने अदालत को बताया, नोएडा अदालत को बिभास अधिकारी के कार्यालय की तलाशी लेने की अनुमति है. हालांकि, इस मामले में सियालदह अदालत ने इसपर जवाब देते हुए कहा, अगर बेलियाघाटा थाने की पुलिस ताला तोड़ने पर आपत्ति जताती है, तो नोएडा पुलिस संबंधित अदालत से ताला तोड़ने की अनुमति ले सकती है. 18 लाख रुपये ठगी के मामले में जांच के लिए बेलियाघाटा पहुंची थी नोएडा पुलिस : मिली जानकारी के मुताबिक ठगी के मामले में नोएडा पुलिस की एक टीम बुधवार को कोलकाता आयी थी. ठगी के शिकार व्यक्ति का नाम हरनिक सिंह है. वह कनाडा के निवासी हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उत्तर प्रदेश का पुलिस अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर धमकाया गया. आरोप है कि हरनिक को एक फर्जी नोटिस भी भेजा गया था. जिसमें एक बैंक खाते का नंबर देकर उनसे 18 लाख रुपये मांगे गये थे. हरनिक ने डर के कारण वह पैसे दे दिये. लेकिन इधर, नोएडा पुलिस द्वारा लोगों को ठगने के मामले में बिभाष अधिकारी को गिरफ्तार किया गया, तो हरनिक को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है. उत्तर प्रदेश का पुलिस अधिकारी कोई और नहीं, बल्कि आरोपी बिभास ही था. इसके बाद नोएडा थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. उसी जांच के लिए नोएडा थाने की पुलिस बुधवार को बेलियाघाटा में आयी थी.

फर्जी थाना खोलकर व्यवसायियों को ठगने के मामले में पुलिस ने बिभाष को किया था अरेस्ट : गौरतलब है कि नोएडा थाने की पुलिस ने फर्जी थाना खोलकर धोखाधड़ी के आरोप में बिभास अधिकारी को गिरफ्तार किया था. सिर्फ बिभाष ही नहीं, बल्कि उसके बेटे समेत कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. सिर्फ फर्जी थानेदार ही नहीं, बीरभूम निवासी बिभाष पर भर्ती भ्रष्टाचार में भी शामिल होने का आरोप है.

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