गोबरडांगा : तृणमूल नेता की हत्या के मामले में सात साल बाद सात दोषियों को उम्रकैद
बिप्लब सरकर की गोली मार कर हुई हत्या के मामले में सात लोगों को दोषी करार देते हुए गुरुवार को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी.
मुख्य आरोपी अब भी फरार, कोर्ट ने दिया तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश
2018 में पंचायत चुनाव के दौरान हुई थी हत्या
संवाददाता, बारासात
बारासात अदालत ने 2018 में पंचायत चुनाव के समय गोबरडांगा थानांतर्गत जामतला पार्टी ऑफिस में हाबरा एक नंबर ब्लॉक के तृणमूल कांग्रेस के नेता व बुर्गुम दो नंबर पंचायत समिति के उम्मीदवार बिप्लब सरकर की गोली मार कर हुई हत्या के मामले में सात लोगों को दोषी करार देते हुए गुरुवार को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी. प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने इस मामले में फरार मुख्य आरोपी सुजीत दास के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश भी दिया.
बारासात कोर्ट के सरकारी वकील श्यामल कांति दत्त ने कहा कि बारासात न्यायालय के सातवें अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सात लोगों को दोषी ठहराया और गुरुवार को सजा सुनाया. एक शख्स को बरी कर दिया गया है, जबकि सुजीत दास फरार है. धारा 302 के तहत सात को उम्रकैद की सजा और साथ ही प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये जुर्माना या छह महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान है. गोबरडांगा थाने की पुलिस को फरार आरोपी सुजीत दास को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है. सुजीत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया जायेगा. अगर उसे गिरफ्तार किया गया, तो उसे भी सजा दी जायेगी. दोषी पक्ष के वकील दुलाल सरकार का कहना है कि वे लोग हाइकोर्ट में जायेंगे.
क्या है मामला : घटना 14 मई, 2018 को हुई थी. पंचायत चुनाव के समय बुर्गुम दो नंबर पंचायत के जामतला पार्टी ऑफिस में घुस कर बदमाशों ने बिप्लब की गोली मार कर हत्या कर दी थी. हमले में तृणमूल वकील प्रकोष्ठ के सदस्य अनूप दास भी जख्मी हुए थे. यह मामला बारासात कोर्ट में चल रहा था. गोबरडांगा थाने की पुलिस ने 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया. लेकिन नौ लोग ही गिरफ्तार हुए थे. मामला चलने के दौरान ही सुजीत दास को हाइकोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन निचली अदालत में हाजिरी देने को कहा गया था.
सात साल मामला चलने के बाद सोमवार को ही बारासात कोर्ट में जब फैसले की घोषणा होने वाली थी, तो उस दिन कोर्ट में आरोपी सुजीत उपस्थित नहीं हुआ. वह फरार हो गया. इस पर जज ने नाराजगी जताते हुए गुरुवार को मामले की सुनवाई तय की. साथ ही सुजीत को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया. लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. इसके बाद गुरुवार को कोर्ट ने सात को दोषी ठहराते हुए सजा सुनायी. सुजीत को तुरंत गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है. साथ ही एक को बरी कर दिया गया है.
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