रेलवे के खानपान विक्रेताओं के लिए क्यूआर आधारित पहचान पत्र
स्टेशनों व ट्रेनों में अवैध खानपान विक्रेताओं पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड सख्ती बरतने लगा है. बोर्ड ने सभी रेलवे जोन के लिए क्यूआर आधारित नया पहचान पत्र जारी किया है. इसका उद्देश्य अवैध विक्रय पर अंकुश लगाना, उचित स्वच्छता सुनिश्चित करना और स्टेशनों व ट्रेनों में यात्रियों को सुरक्षित और विश्वसनीय खानपान सेवाएं प्रदान करना है.
कोलकाता.
स्टेशनों व ट्रेनों में अवैध खानपान विक्रेताओं पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड सख्ती बरतने लगा है. बोर्ड ने सभी रेलवे जोन के लिए क्यूआर आधारित नया पहचान पत्र जारी किया है. इसका उद्देश्य अवैध विक्रय पर अंकुश लगाना, उचित स्वच्छता सुनिश्चित करना और स्टेशनों व ट्रेनों में यात्रियों को सुरक्षित और विश्वसनीय खानपान सेवाएं प्रदान करना है. इसी निर्देश के बाद पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल के सभी लाइसेंस प्राप्त खानपान विक्रेताओं को नारंगी टैग वाले क्यूआर कोड-आधारित पहचान पत्र जारी करना शुरू कर दिया है. प्रत्येक विक्रेता पहचान पत्र पर एक विशिष्ट क्यूआर कोड रहेगा, जिसे स्कैन करके विक्रेता का विवरण जैसे नाम, लाइसेंस धारक, आधार संख्या, पुलिस सत्यापन स्थिति और मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र की तुरंत पुष्टि की जा सकती है.पुलिस सत्यापन व मेडिकल फिटनेस परीक्षण के बगैर नहीं मिलेगा लाइसेंस : केवल उन्हीं विक्रेताओं को यात्रियों को सेवा देने की अनुमति है, जिन्होंने पुलिस सत्यापन और मेडिकल फिटनेस परीक्षण सफलतापूर्वक पास कर लिया है. विक्रेताओं के लिए ड्यूटी के दौरान नारंगी टैग वाला क्यूआर कोड पहचान पत्र स्पष्ट रूप से दिखायी देना अनिवार्य है. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे भोजन और अन्य वस्तुएं केवल उन्हीं विक्रेताओं से खरीदें जिनके पास नारंगी टैग वाला आधिकारिक क्यूआर कोड आइडी कार्ड हो और किसी भी अनधिकृत विक्रेता या ऐसी बिक्री की सूचना रेलवे अधिकारियों को दें. इस पहल से खानपान सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बेहतर स्वच्छता बनाये रखने और सभी यात्रियों के लिए एक सुरक्षित, अधिक आरामदायक यात्रा सुनिश्चित हो सकेगी.
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