माध्यमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व चेयरमैन को मिली जमानत
न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने याचिकाकर्ता और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कल्याणमय गांगुली को जमानत दे दी
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कल्याणमय गांगुली को ‘स्कूल नौकरी घोटाले’ से संबंधित केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के मामले में बुधवार को जमानत दे दी. कल्याणमय गांगुली के वकीलों ने अदालत में जमानत का अनुरोध किया, क्योंकि वह इस मामले में तीन साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं और मामले के सभी अन्य आरोपियों को पहले ही विभिन्न अदालतों से जमानत मिल चुकी है. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने याचिकाकर्ता और सीबीआई के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कल्याणमय गांगुली को जमानत दे दी. हालांकि, बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने अधिवक्ता ने जमानत का पुरजोर विरोध किया. सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि मामले में गवाहों के बयान की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और इस समय कल्याणमय गांगुली को रिहा नहीं किया जाना चाहिए. इससे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है.
उल्लेखनीय है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में सीबीआइ ने सबसे पहले सितंबर 2022 में कल्याणमय गांगुली को गिरफ्तार किया था. नवंबर 2023 में जमानत मिलने के बाद सीबीआइ ने एक अन्य मामले में फिर से कल्याणमय गांगुली को गिरफ्तार दिखाया था.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्ति में कथित धांधली से संबंधित सीबीआइ के मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी सहित अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. कल्याणमय गांगुली को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) से संबंधित एक मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पहले ही जमानत मिल चुकी है. हाइकोर्ट के इस आदेश के बाद कल्याणमय गांगुली का जेल से बाहर निकलने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है.
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