मतुआ महासंघ की संपत्ति को लेकर जिला परिषद के आदेश खारिज

उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर में मतुआ महासंघ के मेले के आयोजन का प्रभार कौन संभालेगा? इसे लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया.

By SUBODH KUMAR SINGH | March 14, 2025 12:21 AM

ठाकुरनगर में मतुआ महासंघ के मेले को लेकर न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

संवाददाता, कोलकाता.

उत्तर 24 परगना के ठाकुरनगर में मतुआ महासंघ के मेले के आयोजन का प्रभार कौन संभालेगा? इसे लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. मतुआ महासंघ के अधिकार को लेकर हाइकोर्ट में मामला दायर किया गया था, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने इस मामले में जिला परिषद के आदेश को खारिज कर दिया.

उत्तर 24 परगना जिला परिषद पर आरोप है कि उसने तृणमूल की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर के अनुयायियों को ठाकुरनगर में मतुआ उत्सव पालन करने की अनुमति दी थी, जिसके लिए उसने एक ऐसे कानून का हवाला दिया था, जिसे लगभग 62 साल पहले निरस्त कर दिया गया था. उस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने पाया कि 1973 में राज्य पंचायत अधिनियम पारित होने के बाद 1963 का जिला परिषद अधिनियम समाप्त हो गया था. फिर भी जिला परिषद ने इसी जिला परिषद कानून का हवाला देते हुए एक पार्टी को अनुमति दे दी. इसके बाद ही अदालत ने जिला परिषद द्वारा दी गयी अनुमति को रद्द कर दिया.

इसके बाद न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को मतुआ संघ के अधिकारों के संबंध में जिला परिषद में एक नयी याचिका दायर करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा कि जिला परिषद को दोनों पक्षों के आवेदनों की जांच के बाद निर्णय लेना होगा. उल्लेखनीय है कि ठाकुरनगर में प्रत्येक वर्ष मतुआ महासंघ द्वारा मेले का आयोजन होता है, जिसकी अनुमति जिला परिषद देता है. इस बार, मेले आयोजित होगा या नहीं, इस बारे में मतुआ परिवार के दो पक्षों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद से उत्पन्न जटिलताओं के कारण कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया गया था. उस मामले में, अदालत ने जिला परिषद की पिछली अनुमति रद्द कर दी.

उल्लेखनीय है कि उत्तर 24 परगना जिला परिषद ने 63 वर्ष पुराने कानून का हवाला देकर तृणमूल की राज्यसभा सांसद ममता बाला ठाकुर के अनुयायियों को ठाकुरनगर महोत्सव आयोजित करने की अनुमति दी थी. इसके खिलाफ केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला दायर किया था. गुरुवार को मामले में प्रस्तुत दस्तावेजों की समीक्षा के बाद न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने ममता बाला ठाकुर को मिली अनुमति रद्द कर दी. साथ ही, उन्होंने दोनों पक्षों को नये आवेदन दायर करने का आदेश दिया. जिला परिषद को इस पर विचार करने और 19 मार्च तक नये सिरे से अनुमोदन जारी करने का निर्देश दिया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है