जीवित पार्षद को दस्तावेज में मृत घोषित करने पर बवाल

तृणमूल ने चुनाव आयोग और भाजपा पर साधा निशाना, लगाया चुनावी प्रक्रिया मंे गंभीर गड़बड़ी करने का आरोप

By SANDIP TIWARI | December 16, 2025 11:16 PM

तृणमूल ने चुनाव आयोग और भाजपा पर साधा निशाना, लगाया चुनावी प्रक्रिया मंे गंभीर गड़बड़ी करने का आरोप

कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को चुनावी प्रक्रिया में गंभीर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और भाजपा पर तीखा हमला बोला. पार्टी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिये दावा किया कि हुगली जिले की डानकुनी नगरपालिका के वार्ड नंबर 18 से तृणमूल के निर्वाचित पार्षद सूर्य दे को आधिकारिक तौर दस्तावेज में मृत घोषित कर दिया गया है, जबकि वह जीवित, सक्रिय और निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं. तृणमूल के अनुसार, 36 वर्षीय सूर्य दे का नाम बिना किसी पूर्व सूचना के मतदाता सूची से हटा दिया गया. पार्टी का दावा है कि दे के पास वैध मतदाता पहचान पत्र है और उनका नाम वर्ष 2025 की मतदाता सूची में भी दर्ज था. इसके बावजूद कथित तौर पर बैकएंड में रिकॉर्ड बदल कर उन्हें मतदाता सूची से ‘मिटा’ दिया गया. बैकएंड किसी वेबसाइट या एप्लिकेशन का वह हिस्सा होता है, जो पर्दे के पीछे काम करता है, जैसे सर्वर, डाटाबेस और एप्लिकेशन लॉजिक, जिसे यूजर सीधे नहीं देख सकता, लेकिन यह फ्रंटएंड (जो यूजर को दिखता है) के लिए डाटा को प्रोसेस, स्टोर और मैनेज करता है, जैसे यूजर लॉगिन, डाटा सेव करना या जानकारी दिखाना. तृणमूल ने इसे प्रशासनिक तरीके से विपक्षी प्रतिनिधियों को खत्म करने की साजिश करार दिया है. तृणमूल ने आरोप लगाया कि जब किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि को चुनाव में हराने के बजाय प्रशासनिक प्रक्रियाओं के जरिये हटाया जाता है, तो इससे मंशा साफ झलकती है.

पार्टी का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम से भाजपा को सीधा राजनीतिक लाभ मिलता है और चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को सक्षम बना रहा है. पार्टी ने चुनाव आयोग से कई सवाल उठाये हैं. तृणमूल ने पूछा है कि सूर्य दे को मृत घोषित करने का अधिकार किसने दिया, मतदाता सूची में समाधान के बाद रिकॉर्ड में बदलाव किसके निर्देश पर किया गया और आखिर क्यों मतदाता सूची की व्यवस्था को राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है?

तृणमूल ने इस घटना को चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी करार देते हुए कहा है कि यह कोई तकनीकी गलती नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की सुनियोजित कोशिश है. पार्टी ने मामले में जवाबदेही तय करने और पूरी प्रक्रिया की जांच की मांग की है.

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