सुप्रीम कोर्ट का फैसला बंगाल की जीत : तृणमूल

पश्चिम बंगाल में 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है.

By BIJAY KUMAR | October 28, 2025 10:18 PM

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल में 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश को बरकरार रखने से यह साबित हो गया कि केंद्र ने राजनीतिक कारणों से बंगाल के गरीबों को उनके हक से वंचित किया. मंगलवार को यहां तृणमूल भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार, सांसद प्रतिमा मंडल और राज्य की मंत्री बीरबाहा हांसदा ने भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाये और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बंगाल की जनता के लिए राहत बताया.सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ केंद्र की याचिका सोमवार को खारिज कर दी, जिसमें 100 दिन की रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ को पश्चिम बंगाल में एक अगस्त 2025 से लागू करने का निर्देश दिया गया था. इस दिन राज्य के मंत्री मजूमदार ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 2.58 करोड़ जॉब कार्ड धारक अब भाजपा के ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ से बच जायेंगे. उन्होंने आगे कहा, “भाजपा ने पश्चिम बंगाल के लोगों को वंचित करके उनके हितों के खिलाफ काम किया. वंचित किये जाने की यह कार्रवाई अवैध और राजनीति से प्रेरित थी. इसने राज्य के गरीब लोगों को नुकसान पहुंचाया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी समेत तृणमूल नेतृत्व ने बार-बार वंचितों के खिलाफ आवाज उठायी है और दिल्ली में प्रदर्शन भी किये हैं. केंद्र द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के खजाने से 100 दिनों के काम के लिए पैसे देने का फैसला किया.

मनरेगा मामलों की तत्काल सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय में लगायी गुहार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कलकत्ता हाइकोर्ट में मनरेगा से संबंधित लंबित मामलों की तत्काल सुनवाई की मांग की गयी है. मंगलवार को पश्चिम बंगाल खेत मजदूर संघ के वकीलों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में इसे लेकर ध्यानाकर्षण किया. पश्चिम बंगाल में मनरेगा योजना के क्रियान्वयन को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को बड़ा झटका लगा है. देश की शीर्ष अदालत ने केंद्र को पश्चिम बंगाल को 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के बकाया का भुगतान करने का आदेश दिया है. इसके बाद भी, इससे जुड़े कई मामले कलकत्ता हाइकोर्ट में लंबित हैं. मंगलवार को पश्चिम बंगाल खेत मजदूर संघ के वकीलों ने हाइकोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित किया और उन्होंने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पाल और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ से मामलों की शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया. न्यायमूर्ति सुजॉय पाल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई सात नवंबर को करने का आश्वासन दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है