देश अभी एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली के लिए तैयार नहीं : सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन देश अभी एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली के लिए तैयार नहीं है.

By BIJAY KUMAR | September 18, 2025 11:19 PM

कोलकाता.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) स्लैब को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन देश अभी एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली के लिए तैयार नहीं है. हालांकि निर्मला सीतारमण ने कहा कि भविष्य में एकल दर वाली जीएसटी प्रणाली की संभावना बनी हुई है. श्रीमती सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार दरों वाली जीएसटी संरचना मनमाने ढंग से तय नहीं की गयी थी, बल्कि यह विभिन्न राज्य-स्तरीय करों को उसके नजदीकी स्लैब में रखने की एक विस्तृत प्रक्रिया के जरिये तय की गयी थी.उन्होंने कहा कि जब जीएसटी प्रणाली की समीक्षा की गयी, तो एक जरूरत यह थी कि वे (जीएसटी परिषद के सदस्य) चार दरें नहीं चाहते थे. हालांकि इस सवाल का जवाब अभी नहीं मिला है कि क्या वे अभी एकल दर वाली स्थिति के लिए तैयार हैं. शायद भविष्य में ऐसा हो सकता है.

वित्त मंत्री ने मौजूदा कर सुधार प्रक्रिया को ‘नयी पीढ़ी के जीएसटी सुधारों’ का हिस्सा बताया, जो खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए प्रणाली को सरल और निष्पक्ष बनाने पर केंद्रित है. इस अवसर पर श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि मौजूदा राजग सरकार और पिछली संप्रग सरकार के बीच कर हस्तांतरण की तुलना करने वाले दस्तावेज पश्चिम बंगाल में परियोजनाओं के विवरण के साथ जारी किये गये हैं. उन्होंने कहा कि जल्द ही अतिरिक्त दस्तावेज साझा किये जायेंगे, जिनमें आम उपयोग की उन वस्तुओं की सूची होगी, जहां जीएसटी दरें कम की गयी हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नयी पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि नयी कर प्रणाली पश्चिम बंगाल समेत देशभर में गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, एमएसएमई और कई महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए खास फायदेमंद होगी. उन्होंने बताया कि कर सुधारों का उद्देश्य केवल दरों में कटौती नहीं बल्कि अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान बनाना और व्यवसायों को स्पष्टता देना भी है. उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी का जीएसटी गरीब एवं मध्यम वर्ग, किसानों एवं एमएसएमई को मदद देने के साथ अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में वृद्धि के लिए तैयार किया गया है. राज्य सरकारों और जीएसटी परिषद के बीच व्यापक परामर्शों के बाद यह रूपरेखा बनायी गयी है. श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह नयी व्यवस्था स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ाने और पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मदद करेगी. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘इन सुधारों से हमें बंगाल में त्योहारी मौसम के समय बिक्री बढ़ने की उम्मीद है.’

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