बंगाल : बंद के दौरान भिडे भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ता
कोलकाता :नगर निकाय चुनाव में रिगिंग के आरोप में भाजपा और वाम मोरचा के द्वारा बुलाये गये बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा है. प्रमुख जगहों में दुकाने बंद हैं. बंद कराने सड़क उतरे सीपीआइ (एम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गयी जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया. पुलिस […]
कोलकाता :नगर निकाय चुनाव में रिगिंग के आरोप में भाजपा और वाम मोरचा के द्वारा बुलाये गये बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा है. प्रमुख जगहों में दुकाने बंद हैं. बंद कराने सड़क उतरे सीपीआइ (एम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गयी जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.आसनसोल में भाजपा और टीएमसी के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट हुई. वहीं मुर्शिदाबाद में सीपीएम और टीएमसी कार्यकर्ता बंद के दौरान भिड़ गये.
Clash breaks out between BJP & TMC workers in Asansol (WB) pic.twitter.com/3SnV5spUVa
— ANI (@ANI) April 30, 2015
वाम मोरचा ने जहां सुबह छह से शाम छह बजे तक 12 घंटे की हड़ताल की घोषणा की है, वहीं भाजपा ने गुरुवार को ही कोलकाता में होने वाले आइपीएल मैच को देखते हुए हड़ताल की अवधि 10 घंटे तक सीमित कर दी है.
Kolkata: Opposition parties shore-up the bandh called by trade union; add issue of ‘violation during MC polls’. pic.twitter.com/puBv6LfTux
— ANI (@ANI) April 30, 2015
इसके साथ ही सीटू, इंटक व एटक सहित छह श्रमिक संगठनों ने गुरुवार को ही संयुक्त रूप से हड़ताल का आह्वान किया है. हड़ताल से परीक्षाओं को अलग रखा गया है.
इसी दिन केंद्रीय परिवहन श्रमिक संगठनों ने 24 घंटे की परिवहन हड़ताल की घोषणा की है. उधर, राज्य सरकार ने हड़ताल को नाकाम करने के लिए कड़ा कदम उठाने का संकेत किया है. सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस हड़ताल का विरोध करेगी.
हड़ताल के विरोध में तृणमूल इंटक के समर्थक बुधवार को सड़क पर उतरे. मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हड़ताल के खिलाफ समर्थकों को सड़क पर उतरने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने निर्देश जारी कर कहा है कि सभी सरकारी कर्मचारियों की गुरुवार को कार्यालय में उपस्थिति अनिवार्य है.
दफ्तर नहीं आने वाले कर्मचारियों को गैरहाजिर मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. वित्त विभाग के प्रधान सचिव एचके द्विवेद्वी ने एक परिपत्र में कहा, ‘30 अप्रैल को कुछ राजनीतिक दलों द्वारा बुलाये गये बंद के आह्वान के मद्देनजर यह तय किया गया है कि राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त दफ्तरों समेत सभी सरकारी कार्यालय गुरुवार को खुले रहेंगे तथा सभी कर्मचारियों को उस दिन डय़ूटी पर आना है.’
परिपत्र में कहा गया है कि इस तारीख के लिए किसी भी कर्मचारी को छुट्टी नहीं दी जायेगी. इस दिन गैरहाजिर रहने पर तनख्वाह काट ली जायेगी.
इस बीच, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद बुधवार को प्रशासन ने हड़ताल के खिलाफ प्रचार अभियान चलाया. थानों की ओर से माइकिंग की गयी. उधर, माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि कोलकाता व जिलों में निकाय चुनाव के दौरान विभिन्न जगहों पर वाम मोरचा समेत विरोधी दलों के समर्थकों पर हमला किये जाने के खिलाफ हड़ताल का एलान किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हड़ताल के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी है. सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है.
यह पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है. इंटक की बंगाल इकाई के अध्यक्ष रमेन पांडेय ने कहा कि हम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी से आग्रह करेंगे कि कांग्रेस इस हड़ताल का समर्थन करे. प्रदेश एटक सचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि वे भी हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं. निकाय चुनाव में गणतंत्र की हत्या की गयी है. लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया गया है. इसका वे लोग लगातार विरोध जारी रखेंगे. इसी दिन परिवहन संगठनों ने भी हड़ताल की घोषणा की है. इस कारण गुरुवार को लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
आज अतिरिक्त बसें चलायेगी राज्य सरकार
कोलकाता : गुरुवार को वाम मोरचा और भाजपा की हड़ताल को बेअसर करने के लिए राज्य सरकार ने अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है. बुधवार को गृह सचिव बासुदेव बनर्जी, डीजी जीएमपी रेड्डी और परिवहन विभाग के प्रधान सचिव अलापन बंद्योपाध्याय ने पुलिस अधीक्षकों व जिलाधिकारियों के साथ बैठक की.
बाद में अलापन बंद्योपाध्याय ने बताया कि राज्य सरकार गुरुवार को 25 प्रतिशत अतिरिक्त बसें चलायेगी. ऑटो यूनियनों को भी ऑटो निकालने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इस पर पूरा ध्यान दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि परिवहन निगम के कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है. उनके बस डिपो में ही रहने-खाने की व्यवस्था की गयी है.
हड़ताल में परीक्षा जारी रखने के फैसले का विरोध
कोलकाता : हड़ताल के दिन कलकत्ता विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा परीक्षा स्थगित नहीं करने पर एसएफआइ के राज्य सचिव देवज्योति दास ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने छात्रों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने परीक्षा पूर्व निर्धारित समय के अनुसार लेने की घोषणा की है.हड़ताल के कारण छात्रों को परीक्षा केंद्र पर आने में परेशानी होगी. हमारी मांग है कि परीक्षा तिथि में परिवर्तन किया जाये. तिथि नहीं बदलने पर छात्रों की परीक्षा यदि छूटती है, तो इसके लिए विश्वविद्यालय दोषी होगा.दूसरी ओर, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के राजकुमार बसाक ने कहा है कि गुरुवार को परीक्षा स्थगित रखने की मांग पर संगठन की ओर से कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन दिया गया है. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दिन परीक्षा जारी रखने के फैसले की हम निंदा करते हैं.