गणतंत्र दिवस पर ‘भारत माता’ की पूजा करेगा आरएसएस

पूजा के अवसर पर बंगाल में गणतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया जायेगा राज्य में लगभग 1000 स्थानों पर ‘भारत माता’ के पूजा का होगा आयोजन कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 26 जनवरी को ‘भारत माता’ पूजन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है. इस अवसर पर पूरे बंगाल के विभिन्न […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 1:45 AM

पूजा के अवसर पर बंगाल में गणतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया जायेगा

राज्य में लगभग 1000 स्थानों पर ‘भारत माता’ के पूजा का होगा आयोजन
कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 26 जनवरी को ‘भारत माता’ पूजन दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया है. इस अवसर पर पूरे बंगाल के विभिन्न इलाके में ‘भारत माता’ की मूर्ति और चित्र का पूजन किया जायेगा और प्रजातंत्र की रक्षा की शपथ ली जायेगी.आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख विप्लव राय ने प्रभात खबर को बताया कि भारत माता के रूप में अवनींद्रनाथ ठाकुर द्वारा बनायी गयी भारत माता की तस्वीर का पूजन किया जायेगा.
पूजन के अवसर पर बंगाल में गणतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया जायेगा और जगह-जगह रैली व जुलूस भी निकाले जायेंगे.उल्लेखनीय है कि प्रसिद्ध चित्रकार अवनींद्रनाथ ठाकुर ने 1905 में सर्वप्रथम भारत माता का चित्र बनाया था. हिंदू देवी की शैली में भारत माता या मदर इंडिया की पहली पेंटिंग थी, जिसका सचित्र चित्रण किया गया था. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देने में भारत माता के चित्र ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी.
श्री राय ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है, जब गणतंत्र दिवस को ‘भारत माता’ पूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इसके पहले भी मनाया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष यह पूजनोत्सव का आयोजन बृहत्तर रूप से किया जायेगा. आरएसएस 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस को अखंड भारत दिवस के रूप में मनाता रहा है. श्री राय ने कहा कि बंगाल में लगभग 1000 स्थानों पर ‘भारत माता’ के पूजन का आयोजन किया जायेगा.
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह से विरोधी दलों के समर्थकों के प्रजात्रांतिक अधिकारों का हनन हो रहा है. सत्तारूढ़ दल द्वारा वोट बैंक की राजनीति के लिए तुष्टीकरण की नीति अपनायी जा रही है और एक विशेष संप्रदाय के लोगों को विशेष संरक्षण दिया जा रहा है.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान राष्ट्रीय संपत्ति की तोड़फोड़ व आगजनी पर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. वैसी स्थिति में ‘भारत माता’ की पूजा राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत करेगी और उन्हें एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए प्रेरित करेगी.

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