शालबनी में फिर हाथी के हमले से कृषक की मौत

खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत शालबनी थाना अंतर्गत विष्णुपुर गांव में हाथी के हमले से एक कृषक की मौत हो गयी. पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक का नाम खोकन घोष (50) है. वह विष्णुपुर गांव का निवासी था. उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले पंद्रह दिनों में हाथी के हमले से आठ लोग प्राण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2020 5:45 AM

खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत शालबनी थाना अंतर्गत विष्णुपुर गांव में हाथी के हमले से एक कृषक की मौत हो गयी. पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक का नाम खोकन घोष (50) है. वह विष्णुपुर गांव का निवासी था. उल्लेखनीय है कि जिले में पिछले पंद्रह दिनों में हाथी के हमले से आठ लोग प्राण गंवा चुके हैं.

स्थानीय सूत्रों के अनुसार कृषक खोकन हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए अपने आलू की खेत में शनिवार रात पहरा दे रहा था. खेत में प्रवेश कर गये हाथियों के दल को उसने रोकना चाहा, लेकिन तभी एक हाथी ने उस पर हमला कर दिया. उसे उठा कर जमीन पर पटक दिया.
घटनास्थल पर ही खोकन की मौत हो गयी. रविवार सुबह ग्रामीणों ने उसका शव आलू के खेत में देखा. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और वन कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
पिछले पंद्रह दिनों में हाथियों के हमले से आठ लोगों की मौत हो जाने से ग्रामीणों में काफी दहशत है. ग्रामीणों में वन कर्मियों के खिलाफ काफी रोष देखा गया.
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण ही हाथी के हमले में बढोतरी हो रही है. वनकर्मी हाथियों के आने जाने के रास्ते और दिशा सटीक तरीके से तय नही कर पा रहे हैं, जिससे हाथियों का दल भटक कर गांव में प्रवेश करके हमला कर रहे हैं.
लोगों की खेत उजाड़ रहे हैं, इसमें ग्रामीणों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है. वहीं वन विभाग का कहना है कि हाथियों को लेकर वन कर्मी पूरी तरह से सतर्क हैं. हाथियों की हरकतों पर नजर रखी जा रही है. ग्रामीणों को वन विभाग की ओर से बार-बार सतर्क किया जाता है कि वे अपने घरो में अवैध शराब हांडियां, कच्चे महुआ ना रखें.
रात को इन सब की सुगंध फैलती है. सुगंध हाथियों को मिलते ही हाथियों का दल जंगल से निकल कर उसी गांव मे प्रवेश कर जाता है. ऐसे में वन विभाग कर्मियों को हाथियों को रोकने में काफी परेशानी होती है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मृतक के परिजनों को सरकारी साहयता मिलेगी. जल्द ही जंगल मे मौजूद हाथियों को दलमा की ओर खदेड़ा जायेगा.

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