गुजरता साल-2019 : बांग्लादेश से लगी सीमा पर कसा जा रहा शिकंजा

अमित शर्मा, कोलकाता : 2019 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए मशक्कत से भरा रहा. जहां साल भर पड़ोसी बांग्लादेश से लगी सीमा पर उसके जवानों को अलग-अलग सीमावर्ती बिंदुओं पर नित्य नये तरीके इजाद करते तस्करों से जूझना पड़ा. वहीं उन्हें नाकाम करने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा. यह हमारे सीमावर्ती प्रहरियों की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 31, 2019 5:50 AM

अमित शर्मा, कोलकाता : 2019 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए मशक्कत से भरा रहा. जहां साल भर पड़ोसी बांग्लादेश से लगी सीमा पर उसके जवानों को अलग-अलग सीमावर्ती बिंदुओं पर नित्य नये तरीके इजाद करते तस्करों से जूझना पड़ा. वहीं उन्हें नाकाम करने में एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा. यह हमारे सीमावर्ती प्रहरियों की मुस्तैदी ही थी, जिसकी बदौलत बांग्लादेश से लगे सीमावर्ती इलाकों जैसे बॉर्डर आउटपोस्ट बानपुर, हाकिमपुर, गोबरडांगा, हारूडांगा, अमुदिया, पानीटार, माहखोला, पेट्रापोल, चारभद्र, राजानगर, खासमहल आदि से 500 से ज्यादा तस्करों को गिरफ्तार किया गया.

वहीं तस्करी के लिए बांग्लादेश ले जाये जा रहे 28 हजार से ज्यादा मवेशी छुड़ाये गये. इसके अलावा जवानों ने पूरी तत्परता दिखाते हुए समय-समय पर मादक द्रव्यों की बड़ी खेप बरामद की, जिसमें सबसे ऊपर फेंसिडील कफ सीरप रहा. इस वर्ष फेंसिडील की करीब 192687 बोतलें जब्त करने में बीएसएफ सफल रहा.
तस्करी का बदला तरीका
इस वर्ष बीएसएफ के अभियानों ने तस्करों की मुश्किलें काफी बढ़ाई हैं. बीएसएफ के लगातार चलाये जाने वाले अभियान व सख्ती की वजह से तस्करों ने तस्करी का तरीका भी बदला. मवेशियों को केले के थम में बांध कर नदी के बहाव के सहारे बांग्लादेश भेजने की कोशिश की गयी. इतना ही नहीं बीएसएफ के जवान तस्करी में बाधक नहीं बने इसके लिए कई बार मवेशियों के शरीर पर बम भी बांधे गये, ताकि बीएसएफ के जवानों को नुकसान पहुंचाया जा सके. जुलाई महीने में ऐसी घटना मुर्शिदाबाद में सीमा चौकी हारूडांगा में हो चुकी है.
वहां जब बीएसएफ के जवान केले के थम से बंधे मवेशियों को बाहर खींचने के लिए नदी में उतरे तो उन्होंने कई पशुओं के गले में बम बंधा पाया था. एक गलत कदम से बम विस्फोट हो सकता था. केले के थम के जरिये ड्रग्स तस्करी की कोशिश भी की गयी. तस्करों द्वारा आजमाये तमाम हथकंडों को बीएसएफ ने विफल करते हुए इस वर्ष 25 दिसंबर तक करीब 28098 मवेशियों को जब्त करने में सफलता पायी है.
खतरे के रूप में उभरा याबा टैबलेट्स
इस वर्ष अगस्त महीने के शुरुआत से ही भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में खासतौर से ड्रग्स के रूप में इस्तेमाल किये जाने वाले प्रतिबंधित कफ सिरप फेंसिडिल की तस्करी करने वालों के खिलाफ नकेल कसने में लगातार कामयाबी मिली. 25 दिसबंर तक बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में अभियान चलाकर फेंसिडिल की करीब 192687 बोतलें जब्त की हैं. बीएसएफ के अधिकारी रवि रंजन ने बताया कि फेंसिडिल की तस्करी करने वालों पर नकेल कसने में तो काफी हद तक कामयाबी मिली है, लेकिन याबा अब याबा टैबलेट्स खतरे के रूप में उभरा है.
पिछले कुछ मामलों में याबा टैबलेट्स की तस्करी के लिए बांग्लादेश की पश्चिमी सीमा इस्तेमाल करने की कोशिश की गयी. फेंसिडील की तुलना में याबा टैबलेट्स वहन करने में आसानी है. इसकी तस्करी करने के लिए तस्करों का दल महिलाओं का इस्तेमाल भी कर रहा है. गौर करने वाली बात है कि तस्करी के साथ ही सीमा के पास भारतीय क्षेत्रों में रहने वाले कई बच्चे और युवा भी याबा टैबलेट्स के नशे की शिकार बन रहे हैं.
बीएसएफ के अनुसार गत 15 दिसंबर को बार्डर आउट पोस्ट गोबरडांगा इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर बांग्लादेश की ओर से जाने की कोशिश करने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया गया, जिसके कब्जे से 198 याबा टैबलेट्स जब्त किये गये थे. इस वर्ष सीमावर्ती इलाकों से करीब 53769 याबा टैबलेट्स जब्त किये गये हैं. इसी वर्ष करीब 865.74 किलोग्राम गांजा, करीब 28 लाख जाली नोट, दो करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा के सोना व साढ़े पांच लाख रुपये मूल्य से ज्यादा की चांदी जब्त हुई.
बीजीबी की फायरिंग ने चौंकाया
अक्तूबर महीने में मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास बार्डर गार्ड्स ऑफ बांग्लादेश (बीजीबी) की ओर से की गयी फायरिंग में बीएसएफ के हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह शहीद हो गये थे. इस घटना ने सबको चौंका दिया था. हालांकि घटना के बाद बांग्लादेश से लगती सीमा पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गयी. उपरोक्त घटना को लेकर बातचीत के लिए बीजीबी का एक प्रतिनिधिमंडल भारत भी पहुंचा.

Next Article

Exit mobile version