बिहार-झारखंड की सीमा में हमला कर सकते हैं माओवादी, खुफिया विभाग ने जारी किया अलर्ट

अमित शर्मा कोलकाता : बिहार और झारखंड की सीमा में माओवादी हमला कर सकते हैं. खुफिया विभाग ने यह अलर्ट जारी किया है. भाकपा-माओवादी ने राज्य के पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया के जंगलमहल इलाकों में दो से आठ दिसंबर तक शहीद सप्ताह मनाने का एलान किया है. इस संबंध में जंगलमहल के कई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 30, 2019 5:36 PM

अमित शर्मा

कोलकाता : बिहार और झारखंड की सीमा में माओवादी हमला कर सकते हैं. खुफिया विभाग ने यह अलर्ट जारी किया है. भाकपा-माओवादी ने राज्य के पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा और पुरुलिया के जंगलमहल इलाकों में दो से आठ दिसंबर तक शहीद सप्ताह मनाने का एलान किया है. इस संबंध में जंगलमहल के कई इलाकों में पोस्टर भी लगाये गये हैं.

सूत्रों के अनुसार, माओवादियों द्वारा आहूत शहीद सप्ताह के मद्देनजर खुफिया विभाग ने सीआरपीएफ, पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल को अतिरिक्त सुरक्षा बरतने के लिए अलर्ट जारी किया है. आशंका जतायी जा रही है कि शहीद सप्ताह के दौरान माओवादी पश्चिम बंगाल से सटे बिहार और झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं. इनमें पुलिसकर्मियों, राजनीतिक दलों के नेताओं को निशाना बनाया जा सकता है. सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाने की आशंका बनी हुई है.

सर्च अभियान तेज

खुफिया विभाग के अलर्ट के बाद जंगहमहल इलाकों में प्रशासन, सुरक्षा को लेकर कोई चांस नहीं लेना चाहता. माओवादियों से खतरे को देखते हुए जंगलमहल इलाके की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ की सात बटालियन पहले से तैनात है. इनके जवानों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए मुस्तैद रहने को कहा गया है.

इस बीच, जंगलमहल इलाकों में सीआरपीएफ और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है. सभी चिह्नित इलाकों में पूरी चौकसी बरती जा रही है. जगह-जगह मुखबिरों को भी सतर्क कर दिया गया है. उनसे मिलने वाले इनपुट पर तुरंत कार्रवाई की जायेगी. साथ ही राज्य से बिहार और झारखंड को जोड़नेवाले सड़क-मार्गों पर वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है.

रेलवे स्टेशनों पर एहतियात बरतने का निर्देश

खुफिया विभाग द्वारा जारी अलर्ट में कहा गया है कि अपनी मौजूदगी को जताने के लिए माओवादी अक्सर बड़ा धमाका करते हैं. सेना या पुलिस की गाड़ियों को निशाना बनाते हैं. प्राय: रेल पटरियों के पैंड्रोल क्लिप खोल दिये जाते हैं या बीच-बीच में पटरियों को काट दिया जाता है, ताकि ट्रेन हादसे का शिकार हो जाये और जान-माल का नुकसान हो. पहले भी रेल लाइनों को उड़ा कर माओवादी ऐसी वारदातों को अंजाम देते रहे हैं.

रेलवे के गैंगमैन और ट्रैकमैन को खड़गपुर-गिधनी-चकुलिया, खड़गपुर-गड़बेता, पुरुलिया-बिरामडीह, पुरुलिया-मुरी, पुरुलिया-पुनदाग और सिउड़ी-अंडाल स्टेशनों के मध्य तमाम रेल ओवरब्रिजों और ट्रैक सहित स्टेशनों पर विशेष नज़र रखी जा रही है. सीआरपीएफ व पुलिसकर्मियों को रात में सर्च ऑपरेशन के दौरान नाइट विजन डिवाइस साथ रखने को कहा गया है.

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