बेटे ने घर से निकाला, पुलिस ने थाने से कोर्ट पहुंची मां फिर…

बेटे ने मां को घर से निकाल कर कमरे में लगा दिया था ताला पांच बार महेशतल्ला थाने में शिकायत करने पर भी पुलिस ने कदम नहीं उठाया कोलकाता : बेटा-बहू के अत्याचार से परेशान व घर से निकाली गयी विधवा मां को आखिरकार अदालत से राहत मिली. हाइकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 18, 2019 10:08 AM

बेटे ने मां को घर से निकाल कर कमरे में लगा दिया था ताला

पांच बार महेशतल्ला थाने में शिकायत करने पर भी पुलिस ने कदम नहीं उठाया
कोलकाता : बेटा-बहू के अत्याचार से परेशान व घर से निकाली गयी विधवा मां को आखिरकार अदालत से राहत मिली. हाइकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया है कि पीड़ित महिला को वह सुरक्षित उसके घर लौटाये और यदि बेटा-बहू अत्याचार करते तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. यह निर्देश कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती ने दिया. मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील चित्रप्रिय घोष ने बताया कि उनकी मुवक्किल शेफाली घोष मजुमदार पर उनका बेटा दीपक घोष मजुमदार व उसकी पत्नी अत्याचार करते हैं.

गत 2006 में महिला के पति वरुण कुमार घोष मजुमदार की मौत के बाद पिता की संपत्ति की देखभाल बेटा ही करता था. कई बार मां को संपत्ति अपने नाम करने के लिए उसने दबाव दिया था, लेकिन मां ने ऐसा नहीं किया. आरोप है कि संपत्ति उसके नाम नहीं करने पर अत्याचार शुरू हो गया. 2006 तक शेफाली देवी घर में ही थी. बाद में अत्याचार सहन न कर पाने पर स्थानीय महेशतला थाने में शिकायत दर्ज करायी.

याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि मां की देखभाल तो दूर की बात है विधवा मां पर बेटा अत्याचार करता था. परिवार चलाने के लिए तीन मंजिली इमारत के दो कमरे किराये पर देने की वजह से मां पर बेटा अत्याचार करता था. यहां तक कि घर से भी उन्हें निकाल दिया गया. मां के कमरे में ताला लगा दिया गया. पांच बार महेशतल्ला थाने में शिकायत करने पर भी पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. आखिरकार कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा उन्होंने खटखटाया. सरकारी वकील ने कहा कि अदालत ने जो निर्देश दिया है उसके मुताबिक कदम उठाया जायेगा, लेकिन बेटे व उसकी पत्नी के वकील ने अपने मुवक्किल पर लगे आरोपों को अस्वीकार किया.

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