कोलकाता : रथयात्रा मामले में सुप्रीम कोर्ट में जाने का मन बना रही भाजपा

कोलकाता : प्रदेश भाजपा के नेताओं का मानना है कि रथयात्रा का मामले का समाधान अब सुप्रीम कोर्ट से ही होगा. इसके लिए पार्टी अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है और केंद्रीय नेतृत्व को भी इससे अवगत करा दिया गया है. इधर, बिहार में गठबंधन को लेकर चल रही खींचतान के संतोषजनक समाधान […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 24, 2018 2:44 AM
कोलकाता : प्रदेश भाजपा के नेताओं का मानना है कि रथयात्रा का मामले का समाधान अब सुप्रीम कोर्ट से ही होगा. इसके लिए पार्टी अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है और केंद्रीय नेतृत्व को भी इससे अवगत करा दिया गया है. इधर, बिहार में गठबंधन को लेकर चल रही खींचतान के संतोषजनक समाधान के बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अब ध्यान पश्चिम बंगाल पर करनेवाले हैं.
प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार के मुताबिक अभी सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन सत्र की छुट्टी चल रही है.
इस बीच, विशेष अदालत में मामले को ले जाया जायेगा या कोर्ट के खुलने का इंतजार किया जायेगा. इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. हमने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है. यह सब कुछ सोमवार को तय हो जायेगा, क्योंकि रथयात्रा को लेकर कानूनी पहलू पर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जायेगी.
उल्लेखनीय है कि बीते गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा को गणतंत्र बचाओ यात्रा को निकालने के लिए अनुमति देते हुए कुछ शर्त तय की थी.
इससे नाखुश राज्य सरकार खंडपीठ में गुहार लगायी थी. इसके बाद खंडपीठ ने फैसले की फिर से समीक्षा करने के लिए मामला सिंगल बेच के पास भेज दिया था. इस बीच, अदालत की छुट्टी घोषित हो गयी.
इससे एक तरह राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है, क्योंकि वह साल 2018 में भाजपा की रथयात्रा को निकलने से रोकने में कामयाब रही. राज्य सरकार को इस मामले में राहत देने में कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
प्रदेश भाजपा का एक वर्ग चाह रहा था कि कलकत्ता हाइकोर्ट की विशेष बेंच में इस मामले को ले जाया जाये. लेकिन विशेष बेंच 27 दिसंबर को केवल एक दिन के लिए ही बैठ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस मामले की सुनवाई क्या कोर्ट करेगी. अगर वह सुनवाई के लिए तैयार होती है, तो उसी दिन उसे फैसला भी सुनाना पड़ेगा.
यही हाल सुप्रीम कोर्ट का भी है. उसी दिन वहां भी स्पेशल कोर्ट बैठेगी. नहीं तो दो जनवरी से कोर्ट फिर नियमित शुरू हो जायेगी. ऐसे में अमित शाह क्या फैसला लेते हैं, उस पर प्रदेश भाजपा की निगाह टिकी हुई है.

Next Article

Exit mobile version