Bengal SIR: एसआईआर पर बंगाल में घमासान, CEC से मिले अभिषेक बनर्जी, BJP को ललकारा
Bengal SIR: पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर घमासान जारी है. बीजेपी और टीएमसी के बीच जुबानी जंग जारी है. बुधवार को TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी एसआईआर को लेकर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात की. मीटिंग के बाद अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर तगड़ा हमला बोला. उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार की भविष्यवाणी भी कर दी.
Bengal SIR: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के बाद TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, बंगाल के लोग अलग तरह से बने हैं. हम वैसे नहीं बने हैं; हम आपके सामने नहीं झुकेंगे. BJP अपना पूरा दिमाग लगा ले और सभी एजेंसियों और जो कुछ भी उनके पास है, उसका इस्तेमाल कर ले. फिर भी, बंगाल के लोग राज्य में पूरी तरह से जीतेंगे और BJP को हराएंगे. वे 2012, 2021, 2024 में मुंह के बल गिरे हैं, और 2026 में भी ऐसा ही होगा. हम लोगों की ताकत के सामने झुकेंगे, सत्ता में बैठे लोगों के सामने नहीं.
Bengal SIR: सांसद अभिषेक बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर लगाया गंभीर आरोप
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के बाद TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “उन्हें लगता है कि आवाज उठाकर और आक्रामक तरीके से बात करके वे सबको चुप करा देंगे. जब हमने बोलना शुरू किया, तो वे अपना आपा खोने लगे. उन्होंने हममें से कुछ लोगों को रोकने की कोशिश की और मेरी तरफ उंगली उठाई. तब मैंने कहा कि आप एक नॉमिनेटेड अधिकारी हैं, लेकिन मैं एक चुना हुआ प्रतिनिधि हूं. आप अपने मालिकों के प्रति जवाबदेह हैं, लेकिन मैं उन लोगों के प्रति जवाबदेह हूं जिन्होंने मुझे चुना है, जिनके लिए हम यहां यह सुनिश्चित करने आए हैं कि किसी भी वैध वोटर का नाम लिस्ट से न हटाया जाए. अगर उनमें हिम्मत है, तो वे फुटेज जारी करें. मैं ECI ऑफिस के बहुत करीब खड़ा हूं. ज्ञानेश कुमार अभी सुन रहे होंगे कि मैं मीडिया से क्या कह रहा हूं. अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें नीचे आना चाहिए, मीडिया का सामना करना चाहिए, और मेरे हर पॉइंट का जवाब देना चाहिए, न कि रात 8 बजे के बाद सेलेक्टिव लीक करना चाहिए. उन्हें क्या रोक रहा है? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के लोग उनके गुलाम हैं? 2-3 सवालों को छोड़कर, वे फेल हो गए हैं. क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के लोग, और हम सांसद, मंत्री और विधायक जिन्हें लोगों ने चुना है, बंधुआ मजदूर या गुलाम हैं?
बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलने के बाद TMC के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है, माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात करने से लेकर बंगाल की विश्वसनीयता को खराब करने और बंगाल के लोगों को परेशान करने तक, जैसा कि प्रवासी मजदूरों के मामले में हुआ. बिहार में, किसी भी प्रवासी मजदूर को सुनवाई के लिए फिजिकली नहीं बुलाया गया. एक नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उस नोटिस के आधार पर, अगर परिवार के किसी सदस्य – मां, पत्नी या पिता – ने BLO को डॉक्यूमेंट्स जमा किए, तो प्रवासी मजदूर को कभी भी सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया. बिहार के लिए एक नियम और बंगाल के लिए दूसरा नियम क्यों है?
