Bengal Nandigram Seat: हॉटसीट नंदीग्राम से मीनाक्षी मुखर्जी EXCLUSIVE, BJP-TMC के बीच संयुक्त मोर्चा की प्रत्याशी कहां हैं?

Bengal Nandigram Seat: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 (Bengal Assembly Election 2021) में नंदीग्राम (Hotseat Nandigram) की सीट बेहद खास है. इस सीट से टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) मैदान में हैं. उनसे बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी (BJP Suvendu Adhikari) मुकाबला कर रहे हैं. दोनों के खिलाफ लेफ्ट, कांग्रेस और आईएसएफ की उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी (Meenakshi Mukherjee) मैदान में हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2021 1:04 PM

नंदीग्राम से लौटकर अभिषेक मिश्रा: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में नंदीग्राम की सीट बेहद खास है. इस सीट से टीएमसी सुप्रीमो और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी मैदान में हैं. उनसे बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी मुकाबला कर रहे हैं. दोनों के खिलाफ लेफ्ट, कांग्रेस और आईएसएफ की संयुक्त उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी मैदान में हैं. मीनाक्षी मुखर्जी दोनों हेवीवेट के बीच काफी कम उम्र की हैं. इसके बावजूद मीनाक्षी को अपनी जीत का भरोसा है.

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विरासत में मिली राजनीति, अब नंदीग्राम में कैंडिडेट

मीनाक्षी मुखर्जी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की उम्मीदवार हैं. डीवाइएफआइ की अध्यक्ष भी हैं. बर्दवान जिला के रानीगंज तहसील में चलबलपुर जैसे छोटे गांव की रहने वाली हैं मीनाक्षी. मीनाक्षी मुखर्जी ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि वह पिता को देखकर राजनीति में आयी हैं. हमेशा से लोगों की मदद के लिए तैयार रहने वाली मीनाक्षी मुखर्जी ने कुल्टी कॉलेज से जॉब छोड़कर राजनीति में कदम रखा है.

युवा कैंडिडेट मीनाक्षी का युवाओं के लिए रोडमैप…

मीनाक्षी का कहना है कि वह नंदीग्राम में नया सवेरा लायेंगी. मीनाक्षी मुखर्जी के मुताबिक ‘मां-माटी-मानुष’ का नारा देने वाली टीएमसी और उसकी चीफ ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के लिए कुछ खास नहीं किया. आज तक बीजेपी भी सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करती रही. इस सबको देखते हुए उन्होंने चुनाव के जरिए इस इलाके की तसवीर बदलने की ठानी है.

उन्होंने कहा कि इलाके का विकास नहीं होने के कारण यहां के लोगों में काफी गुस्सा भरा है. इसका फायदा उन्हें इलेक्शन में मिलेगा. मीनाक्षी का कहना है कि उनके सामने दोनों (ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी) बड़े प्रत्याशी हैं. उनका नाम और राजनीति में कद काफी बड़ा है. इसके बावजूद मीनाक्षी का दावा है कि वह युवाओं के लिए काम करना चाहती हैं. शिक्षा और नौकरी जैसे मुद्दे को उठा रही हैं.

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भाकपा के गढ़ में इतिहास दोहराएंगी मीनाक्षी?

मीनाक्षी मुखर्जी ने स्कूल की पढ़ाई चलबलपुर जलधि देवी विद्यालय बेलारूई हाईस्कूल से की है. आसनसोल के बीबी कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद मीनाक्षी ने बर्दवान यूनिवर्सिटी का रुख किया. यहां उन्होंने बीएड की पढ़ाई की. बड़ी बात यह है कि नंदीग्राम विधानसभा सीट को लेफ्ट का गढ़ माना जाता रहा है. 1952 से 2006 तक नंदीग्राम की सीट पर लेफ्ट का उम्मीदवार जीतता रहा. वर्ष 2009 में जब उपचुनाव हुआ, तब तक तृणमूल नंदीग्राम में जीत नहीं दर्ज कर पायी थी. वर्ष 2011 और 2016 में उसे यहां से जीत मिली. इस बार देशभर की नजरें पश्चिम बंगाल की हॉटसीट में शुमार नंदीग्राम पर है. सभी को इंतजार है 2 मई का, जब विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे.

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