WB Chunav 2021 : पीरजादा अब्बास की पार्टी में शामिल होना दो युवकों को पड़ा महंगा, TMC समर्थक पिता ने घर से निकाला

bengal election news 2021 live update : तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़कर ‘भाईजान’ से हाथ मिलाना दो भाइयों को महंगा पड़ गया. गुस्से से तिलमिलाये ‘अब्बाजान’ ने इंडियन सेक्यूलर फ्रंट में जाने वाले दोनों बेटों को घर से निकाल दिया. साथ ही जायदाद से भी बेदखल करने की धमकी दे डाली.

By Prabhat Khabar | March 25, 2021 10:39 AM

हावड़ा से जे. कुंदन : तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़कर ‘भाईजान’ से हाथ मिलाना दो भाइयों को महंगा पड़ गया. गुस्से से तिलमिलाये ‘अब्बाजान’ ने इंडियन सेक्यूलर फ्रंट में जाने वाले दोनों बेटों को घर से निकाल दिया. साथ ही जायदाद से भी बेदखल करने की धमकी दे डाली. दोनों भाई अपने परिवार को लेकर घर से निकल गये हैं. घटना जेबीपुर विधानसभा क्षेत्र के चकसाहदत गांव की है. यह मामला पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है.

क्या है मामला- जेबीपुर थाना अंतर्गत चकसाहदत गांव में तृणमूल नेता नौशाद मिद्दे, लंबे समय से तृणमूल कांग्रेस के सक्रिय नेता रहे हैं. परिवार के बाकी सदस्य भी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. पिछले दिनों बदलते राजनीतिक माहौल को देखते हुए नौशाद के दो बेटे अजहरुद्दीन मिद्दे व लालन मिद्दे ने तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ दिया और पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) में शामिल हो गये.

दोनों बेटों के इस फैसले से ‘अब्बाजान’ इस कदर भड़के कि दोनों के कमरों पर ताला जड़ कर उन्हें घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्होंने दोनों बेटों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे तृणमूल कांग्रेस में वापसी नहीं करेंगे, तो उनकी घर वापसी भी नहीं होगी. मंगलवार की शाम नौशाद ने दोनों बेटों और उनकी पत्नियों को घर से बाहर निकाल दिया. नौशाद के इस फैसले से पूरे गांव में हलचल मची हुई है.

जेबीपुर विधानसभा पर एक नजर- जेबीपुर विधानसभा क्षेत्र हुगली के श्रीरामपुर लोकसभा केंद्र में पड़ता है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से तृणमूल उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल गनी 25,024 वोट से विजयी हुये थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यहां भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है. 2021 के चुनाव में भाजपा ने यहां से अनुमप घोष को उम्मीदवार बनाया है. श्री घोष हाल ही में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. वहीं तृणमूल कांग्रेस ने सीतानाथ घोष को उम्मीदवार बनाया है, जबकि संयुक्त मोर्चा ने आइएसएफ के शबीर अहमद को मैदान में उतारा है. यहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण इस बार कांटे की टक्कर की संभावना है.

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Posted By : Avinish kumar mishra

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