टीका नहीं तो टिकट नहीं ! तृणमूल का टिकट लेने के लिए जरूरी है कोरोना का टीका लगवाना, क्या है सच्चाई

bengal chunav 2021, no vaccine no ticket for the leaders of tmc : विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां अपने - अपने उम्मीदवारों की तालिका तैयार करने में जुट गयी हैं. कयास लगाया जा रहा है कि एक-दो दिन में टीएमसी और बीजेपी अपने - अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देंगे. इससे पहले टिकट के लिए टीएमसी नेताओं में कोरोना वैक्सीन लेने के लिए होड़ मच गयी है. चर्चा है कि कोरोना वैक्सीन लेने वालों को ही पार्टी टिकट देगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2021 3:43 PM

कोलकाता : विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां अपने – अपने उम्मीदवारों की तालिका तैयार करने में जुट गयी हैं. कयास लगाया जा रहा है कि एक-दो दिन में टीएमसी और बीजेपी अपने – अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देंगे. इससे पहले टिकट के लिए टीएमसी नेताओं में कोरोना वैक्सीन लेने के लिए होड़ मच गयी है. चर्चा है कि कोरोना वैक्सीन लेने वालों को ही पार्टी टिकट देगी.

दरअसल, उम्मीदवार बनने के लिए टीएमसी में हर नेता अपने सीनियर नेताओं को लगातार फोन कर रहे हैं. उनसे केवल एक ही प्रश्न पूछे जा रहे हैं कि क्या इस बार उन नेताओं को चुनाव में टिकट मिलेगी या नहीं? टिकट पाने के लिए उत्तर से लेकर दक्षिण पूरे बंगाल से नेताओं के फोन दल के वरिष्ठ नेताओं के पास आ रहे हैं. हालांकि इसी दौरान टिकट के अलावा कई नेता अपने करीबी नेताओं से यह भी प्रश्न पूछने लगे हैं कि क्या उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाया है? इसके साथ ही चर्चा तेज हो गयी है कि क्या टिकट पाने के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है? इस बीच टीएमसी नेताओं में कोरोना टीका यानी वैक्सीन लेने की होड़ मच गयी है.

इसी क्रम में राज्य के मंत्री व वरिष्ठ राजनेता सुब्रत मुखोपाध्याय ने एसएसकेएम जाकर कोरोना का टीका लगवाया. 22 दिन बाद उन्हें फिर से टीका लेना होगा. टीका लेने के बाद वे काफी खुश हैं और उन्होंने पार्टी के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया. हालांकि, सुब्रत मुखर्जी का कहना है कि टीका लेने के बाद उन्हें कोई असुविधा नहीं हो रही है. वह एकदम फिट हैं. उनका कहना है कि अभी तो आगे बहुत दौड़ना है, इसलिए खुद को फिट रखना होगा.

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जब उनसे पूछा गया कि टीका लेने के बाद विधानसभा चुनाव में उनकी टिकट पक्की है, तो उन्होंने कहा कि किसी ने तो उन्हें नहीं बताया कि इस बार वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टापोध्याय ने कोरोना टीका को लेकर कहा कि उन्होंने निमोनिया का टीका लिया है. कोरोना का टीका लेना है या नहीं, इसको लेकर उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है. हालांकि वैक्सीन को लेकर वे खोज-खबर रख रहे हैं.

अगर टीका नहीं लिया है, तो क्या उन्हें टिकट मिलेगा? इस पर पार्थ चटर्जी ने कहा कि वे रोजाना जनसभाएं कर रहे हैं. कोरोना को हराकर घर लौटे विद्युत मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय का कहना है कि शरीर में अभी बहुत ज्यादा एंटीबॅाडी बन गयी है. फिलहाल वे घर पर आराम कर रहे हैं. मगर जल्द ही चुनावी गतिविधियों में शामिल होने लगेंगे. इसके अलावा राज्य के कई विधायक, पार्षद कोरोना का टीका लेना शुरू कर चुके हैं.

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बारासात के विधायक के दिमाग की उपज

बताया जा रहा है कि ‘टीका नहीं तो टिकट नहीं’ की शुरुआत बारासात के विधायक चिरंजित चक्रवर्ती ने की थी. चर्चा थी कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उन्होंने टीका लगवा लिया है. उन्होंने कहा कि टीका लिया है, ताकि टिकट मिलने की संभावना बढ़ जाये. टिकट के लिए खुद को तैयार रखना जरूरी है. इसके साथ ही इस मामले में एक और नाम कार्तिक चट्टोपाध्याय का सामने आया है, जिनका मानना है कि टीका लेने से टिकट मिलने की संभावना बढ़ जायेगी.

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Posted by : Babita Mali

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