सर्वदलीय बैठक से दूर रहे शुभेंदु, भाजपा के 5 नेता बोले- पीएसी चेयरमैन का पद विपक्ष को मिले

सर्वदलीय बैठक से शुभेंदु ने बनायी दूरी, भाजपा के 5 नेता बोले- पीएसी चेयरमैन का पद विपक्ष को मिले

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2021 3:29 PM

कोलकाताः विधानसभा के बजट सत्र से पहले बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी शामिल नहीं हुए. हालांकि, मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 5 नेता बैठक में पहुंचे. उन्होंने अपनी मांगें स्पीकर के सामने रखीं. भाजपा नेताओं ने स्पीकर विमान बनर्जी को बताया कि वे कौन-कौन से मुद्दे सदन में उठायेंगे.

स्पीकर की ओर से बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में मनोज तिग्गा और सुदीप मुखोपाध्याय समेत बीजेपी के 5 नेता शामिल हुए. इन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा सत्र के दौरान बंगाल में टीकाकरण के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा का मुद्दा उठायेगी. साथ ही उसने पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (पीएसी) चेयरमैन का पद विपक्ष के नेता को देने की भी मांग की.

पब्लिक अकाउंट्स कमेटी यानी लोक लेखा समिति का अध्यक्ष भाजपा छोड़कर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके मुकुल रॉय को दिये जाने की चर्चा है. ममता बनर्जी ने खुद इस पर मुहर लगा दी है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में कहा था कि मुकुल रॉय भाजपा के नेता हैं और तृणमूल उन्हें समर्थन दे रही है.

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ममता ने यहां तक कह दिया था कि सरकार जब भाजपा के नेता को पीएसी के चेयरमैन का पद दे रही है, तो विपक्षी पार्टी को इसमें दिक्कत क्या है? ममता को उस बयान से ही तय हो गया कि सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष की कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं है. सदन के नियम के मुताबिक, पीएसी का चेयरमैन विपक्षी दल के नेता को बनाया जाता है.

बात लोकसभा की हो या विधानसभा की. हर जगह इस परंपरा का पालन किया जाता है. लेकिन, पश्चिम बंगाल में जब से ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी है, इस लोकतांत्रिक परंपरा को खत्म कर दिया गया है. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार दलबदल करने वाले किसी नेता को ही लोक लेखा समिति का चेयरमैन बनाती रही है.

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दलबदलू को पीएसी का चेयरमैन बनाती रही हैं ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल विधानसभा के पिछले रिकॉर्ड को उठाकर देखेंगे, तो एक बार कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में आये मानस भुईयां को इस अहम समिति का चेयरमैन बनाया गया, जबकि दूसरी बार कांग्रेस छोड़कर टीएमसी का झंडा थामने वाले शंकर सिंह को इस पद पर आसीन किया गया. इस बार भी यह परंपरा कायम है. भाजपा छोड़कर ममता की शरण में जाने वाले मुकुल रॉय को इस बार यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है.

इसके पहले उम्मीद जतायी जा रही थी कि भाजपा सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करेगी. रविवार को बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि पार्टी विधानसभा में अपनी ताकत दिखायेगी. माना जा रहा है कि भाजपा चुनाव बाद राजनीतिक हिंसा के साथ-साथ मुकुल रॉय की सदस्यता खारिज करने का मुद्दा भी सदन में उठायेगी.

Posted By: Mithilesh Jha

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