120 हेक्टेयर पर लगेंगे तीन लाख पौधे

महाप्रबंधक (पर्यावरण) बीएन प्रसाद ने कार्यक्रम में की यह घोषणा कंपनी मुख्यालय से शुक्रवार को कर्मियों में बांटे जायेंगे एक-एक पौधे सांकतोड़िया : विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को सांकतोड़िया स्थित ईसीएल मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जेपी गुप्ता ने किया. कॉरपोरेट गीत के बाद मुख्यालय परिसर में कल्पतरू […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 6, 2019 2:18 AM

महाप्रबंधक (पर्यावरण) बीएन प्रसाद ने कार्यक्रम में की यह घोषणा

कंपनी मुख्यालय से शुक्रवार को कर्मियों में बांटे जायेंगे एक-एक पौधे
सांकतोड़िया : विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को सांकतोड़िया स्थित ईसीएल मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जेपी गुप्ता ने किया. कॉरपोरेट गीत के बाद मुख्यालय परिसर में कल्पतरू के दो और नीम के चार पौधे लगाये गये. वित्त निदेशक संजीव सोनी ने कोल इंडिया अध्यक्ष का संदेश पढ़ा.
कंपनी के सीएमडी के तकनीकी सचिव नीलाद्री राय, महाप्रबंधक (ईएंडएम) एचसी ओझा, महाप्रबंधक (कल्याण एवं सीएसआर) आरके श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (ईई) आर पी बरला, महाप्रबंधक (पर्यावरण) बीएन प्रसाद, उप महाप्रबंधक (सीएसआर) एके लाल, मानस मिश्रा आदि उपस्थित थे.
महाप्रबंधक (पर्यावरण) श्री प्रसाद ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण का थीम "वायु प्रदूषण" है. कंपनी की 120 हेक्टेयर जमीन पर तीन लाख पौधे लगाने की योजना है. इस मद में दो करोड़ रुपए खर्च होंगे. प्रति हेक्टेयर जमीन पर 2500 पौधे लगाये जायेंगे. झारखंड में 20 हेक्टेयर जमीन पर पौधे लगाने की योजना है.
पश्चिम बंगाल में 100 हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपण होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के राजमहल और चित्रा क्षेत्र में डीएफओ के साथ मिलकर गांव में फलदार पौधे ग्रामीणो के बीच वितरित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि माइनिंग के कारण जिन स्थलों की अवनति हुई है उन स्थलों पर पौधे लगायें जायेंगे. पर्यावरण कार्यक्रम प्रत्येक एरिया में चलाया जा रहा है.
कंपनी मुख्यालय में शुक्रवार को कर्मियों को एक-एक पौधे वितरित किए जायेंगे. तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) जेपी गुप्ता ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए मनुष्य को जिम्मेवार होना होगा. खनन, वाहनों से निकलने वाला धुआं, कारखानों से उड़नेवाली छाई व धूल को नियंत्रित करना होगा. इससे जनित रोगों से मौत हो रही है. वित्त निदेशक श्री सोनी ने कहा कि पर्यावरण बचाना जवाबदेही है. मानवीय क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न होने वाले ग्रीनहाउस इफेक्ट वाली गैसों की जानकारी दी. नमें कार्बन डाइऑक्साइड से भी ज्यादा खतरनाक मिथेन है.

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