दुर्गापुर : कोकोवेन थाना प्रभारी पर कोर्ट में की शिकायत

दुर्गापुर : कोकोवेन थाना अंतर्गत दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खुदीराम कॉलोनी निवासी कालीचरण मिश्रा ने पुलिस पर शिकायत दर्ज नहीं करने और उल्टे मारपीट का आरोप पुलिस पर लगाकर दुर्गापुर महकमा कोर्ट में मामला दाखिल किया है. श्री मिश्रा ने कहा कि पड़ोस के लोग कूड़ा उनके घर के सामने फेंक देते थे. जिसका विरोध […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 6, 2019 12:25 AM

दुर्गापुर : कोकोवेन थाना अंतर्गत दुर्गापुर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के खुदीराम कॉलोनी निवासी कालीचरण मिश्रा ने पुलिस पर शिकायत दर्ज नहीं करने और उल्टे मारपीट का आरोप पुलिस पर लगाकर दुर्गापुर महकमा कोर्ट में मामला दाखिल किया है. श्री मिश्रा ने कहा कि पड़ोस के लोग कूड़ा उनके घर के सामने फेंक देते थे. जिसका विरोध उनकी पत्नी रागिनी मिश्रा ने किया.

31 जनवरी की दोपहर अचानक पड़ोसी बरूण तालकुदार, सुमित तालुकदार ने परिजनों के साथ उनके घर पर धावा बोल दिया एवं उनकी पत्नी की पिटाई की. जब वे छुड़ाने गये तो उनकी भी पिटाई की गई. पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई. उसे इलाज के लिए महकमा अस्पताल में ले जाया गया. विभिन्न अस्पतालों में ले जाने के बाद इस समय कांकसा के निजी अस्पताल में भर्ती है.

उसकी हालत नाजुक है. श्री मिश्रा ने कहा कि जब वे कोकोवेन थाना में मामले की शिकायत करने पहुंचा तो वहां के एक पुलिस अधिकारी ने उनके साथ मारपीट की एवं मामला दर्ज नहीं किया.

थाना प्रभारी ने भी गाली गलौज की. आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज करने की धमकी दी एवं सादे कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिया. थाना प्रभारी संदीप दास, सुखेन दत्ता, बरूण, सुमित, सरजु राय, गौतम बर्मन आदि के खिलाफ शिकायत की है. पुलिस का कहना है कि वह शिकायत करने के लिए नहीं आया, अब गलत आरोप लगा रहा है. सीआई चंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि इस घटना की जानकारी नहीं है. शिकायत मिलने पर जांच की जायेगी.
अवैध शराब बिक्री में भतार से पांच गिरफ्तार
बर्दवान. भतार थाना पुलिस ने अवैध शराब के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें दिलीप मुर्मु, संजय दास, नरेन कोडा, नाडु दास और प्रशांत राय शामिल हैं. सभी नरनारायणपुर, रीजीपुर, खेडुर व नुरपुर के निवासी है. सामंती रोड पर हडगराम बस स्टैंड परिसर से उन्हें गिरफ्तार किया गया. इनके पास से 85 लिटर अवैध शराब बरामद किया गया. मंगलवार को उन्हें बर्दवान जिला अदालत में पेश किया गया. सीजीएम रतनकुमार गुप्त ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

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