सांकतोड़िया : कोयला खदानों में हाई पावर कमेटी की अनुशंसा भी हो रही है अप्रभावी

सांकतोड़िया : कोयला खदान में कार्यरत ठेका मजदूरों के लिए मजदूरी की नई दर में हाईपावर कमेटी ने इजाफा कर दिया है, पर मजदूरों को नए दर के मुताबिक राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा. ईसीएल में काम कर रहे ठिका श्रमिकों का कहना है कि शिकायत के बाद भी प्रबंधन ठेकेदारों से राशि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 29, 2019 3:16 AM

सांकतोड़िया : कोयला खदान में कार्यरत ठेका मजदूरों के लिए मजदूरी की नई दर में हाईपावर कमेटी ने इजाफा कर दिया है, पर मजदूरों को नए दर के मुताबिक राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा. ईसीएल में काम कर रहे ठिका श्रमिकों का कहना है कि शिकायत के बाद भी प्रबंधन ठेकेदारों से राशि भुगतान कराने में अब तक असफल रहा है.

उन्होंने कहा कि कोयला खदान में लगभग 70 फीसदी कार्य ठेका पद्धति से संचालित हो रहा है. नियमित प्रवृत्ति के कार्य भी ठेका या आउटसोर्सिंग के माध्यम से हो रहे हैं, पर इन मजदूरों को नियमित कर्मियों की तरह वेतन व सुविधाएं नहीं मिल रही है. वेतन में ब़ढ़ोतरी को लेकर श्रम संगठन एवं प्रबंधन के प्रतिनिधित्व से हाईपावर कमेटी बनी हुई है. कमेटी समय-समय पर समीक्षा कर वेतनमान का निर्धारण करती है और भुगतान करने के लिए सर्कुलर जारी करती है. पर बढ़े हुए दर से मजदूरों को राशिनहीं मिल पाती है.

पुरानी दर में 323 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इजाफा किया गया है यानी अकुशल श्रमिक का 786, अतिकुशल श्रमिक को 877 रुपये प्रतिदिन की दर से वेतन देने पर सहमति बनी है. प्रबंधन ने सर्कुलर जारी कर नई दर के मुताबिक भुगतान करने का आदेश दिया है. नई दर का भुगतान कब से शुरू होगा, इसका खुलासा नहीं हो सका है. हालांकि श्रमिक संगठन ने बढ़े हुए दर से भुगतान कराने प्रबंधन को दबाव बनाने को कहा है. प्रबंधन के साथ बैठक में श्रमिक संगठन प्रतिनिधियों ने ठेका मजदूरों को ओपीडी की सुविधा भी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा.

इस पर भी प्रबंधन ने सहमति जता दी है. विभागीय चिकित्सालयों में इन ठेकाकर्मियों को अब ओपीडी की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही सीएमपीएफ की कटौती, भूमिगत भत्ता, बोनस एक्ट के बारे में भी चर्चा की गई. ठेका मजदूरों की हाईपावर कमेटी से निर्धारित दर के मुताबिक वेतन भुगतान कराने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के प्रबंधन की है. बावजूद प्रबंधन भुगतान कराने में असफल रहा है. अकुशल को 786 रूपये, सुपरवाइजर को 817 रूपये, कुशल को 847 रूपये तथा अतिकुशल को 877 रूपये की मजदूरी तय की गई है. भुगतान नहीं होने से ठेका श्रमिकों में काफी रोष है.

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