दुर्गापुर : मां काली की पूजा के लिए भक्तों का तांता, पंडालों में उमड़ा जनज्वार

दुर्गापुर : कार्तिक अमावस्या पर मंगलवार को शहर में मां काली की पूजा को लेकर हर्षोल्लास का माहौल देखा गया. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बने भव्य पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ती दिखी. पुरोहित साधन मुखर्जी ने बताया कि अमावस्या की रात महानिशा काल में मां काली की विशेष पूजा की परंपरा है. इसके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 7, 2018 3:44 AM
दुर्गापुर : कार्तिक अमावस्या पर मंगलवार को शहर में मां काली की पूजा को लेकर हर्षोल्लास का माहौल देखा गया. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बने भव्य पंडालों में भक्तों की भीड़ उमड़ती दिखी. पुरोहित साधन मुखर्जी ने बताया कि अमावस्या की रात महानिशा काल में मां काली की विशेष पूजा की परंपरा है. इसके मद्देनजर पूजा आयोजक पूरे ज़ोर-शोर के साथ मां काली की पूजा की तैयारी में लगे दिखें.
मंगलवार की देर रात होने वाली काली पूजा की सभी तैयारियां भक्तों एवं पूजा समिति के आयोजकों ने पूरी कर ली थी. पूजा आयोजकों ने बताया कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के आरंभ होते ही मंगल, सुख, समृद्धि, शांति व शक्ति की आराध्या देवी माता काली की पूजा जिसे श्यामा पूजा भी कहते हैं, आरंभ हो गई.
मां काली के भक्तों ने दिनभर उपवास रखकर पूजा संपन्न होने के उपरांत ही भोग प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ें. उल्लेखनीय है कि शहर के बेनाचिती के जलखाभर गली, राय पाड़ा, पांचमाथा मोड़ स्थित देशारी समेत अन्य कई स्थानों के अलावा सभी थानों और फड़ियों पर भी सार्वजनिक काली पूजा का आयोजन किया जाता है. इन सभी स्थानों पर भव्य पंडाल निर्माण कर एवं देवी काली की आकर्षक प्रतिमा बैठाकर श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना की परंपरा रही है.
जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं. इसके अलावा आस पड़ोस के ग्रामीण क्षेत्र के काली एवं भगवती मंदिरों में भी कार्तिक अमावस्या की तिथि पर विधि विधान से काली पूजा की जाती है. कालीपूजा को लेकर विभिन्न क्लब के सदस्यों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों में काफी उत्साह और उमंग छाया हुआ है. इसके अलावा भी यहां के कई परिवारों द्वारा अपने आवास पर मां काली की पूजा के अनुष्ठान भक्तिभाव से किये जाते हैं. यहां भी बड़ी संख्या में उनके मित्र परिजन पूजा में भाग लेते हैं. वहीं, मंगलवार को ही कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के अवसर पर लोगों ने यम चतुर्दशी तथा छोटी दिवाली मनाई.

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