छात्रा पर एसिड फेंकने वाले को दस वर्ष कारावास की सजा

मालदा: पड़ोसी छात्रा के मुंह पर एसिड फेंक कर हत्या करने की कोशिश करने वाले अपराधी को अदालत ने दस वर्ष की कैदे-बा मशक्कत की सजा सुनायी. मंगलवार की शाम एडिसनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेसन जज यास्मिन अहमद ने सजा की घोषणा की. न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान की धारा 448 (अनाधिकार प्रवेश), 326 (एसिड हमला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2017 8:10 AM
मालदा: पड़ोसी छात्रा के मुंह पर एसिड फेंक कर हत्या करने की कोशिश करने वाले अपराधी को अदालत ने दस वर्ष की कैदे-बा मशक्कत की सजा सुनायी. मंगलवार की शाम एडिसनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेसन जज यास्मिन अहमद ने सजा की घोषणा की. न्यायाधीश ने भारतीय दंड विधान की धारा 448 (अनाधिकार प्रवेश), 326 (एसिड हमला के लिये) व हत्या की कोशिश के लिये 301 के तहत दोषी पाते हुए दस वर्ष कारावास की सजा सुनायी.

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को ही अदालत में उज्जवल मंडल का अपराध साबित हो चुका था. सरकारी वकील गुलाम गाउस खान लोधी ने बताया कि वर्ष 2014 के 20 फरवरी की रात उज्जव मंडल ने वारदात को अंजाम दिया ता. वैष्णव नगर थाना अंतर्गत साटांगापाड़ा इलाका निवासी उज्जवल अपने पड़ोस में रहने वाली छात्रा दीपावली रजक(22) के घर जबरन प्रवेश कर गया.

आग्नेयास्त्र दिखाकर उसके समझ विवाह का प्रस्ताव रखा और राजी होने के लिये जबरदस्ती की. उसके बाद भी प्रस्ताव ठुकराने पर उज्जवल ने छात्रा के मुंह पर एसिड फेंक दिया. गंभीर हालात में छात्रा को मालदा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, बाद में इलाज के लिये पीड़िता को कोलकाता भी ले जाया गया. घटना के तीन वर्ष गुजरने का बाद भी छात्रा का इलाज जारी है. घटना के बाद पीड़िता के पिता दीपक रजक ने उज्जवल सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. तीन वर्ष मामला अदालत में विचाराधीन रहने के बाद उज्जवल मंडल को दस वर्ष कारावास की सजा सुनायी गयी. दो चिकित्सक सहित कुल 9 लोगों की गवाही व साक्ष्य के आधार पर अदालत सजा के नतीजे पर पहुंची और मंगलवार को सजा की घोषणा की.


पीड़िता के पिता दीपक रजक ने बताया कि तीन वर्ष बीत चुका है लेकिन अभी भी दीपावली ठीक से खाना तक नहीं खा पा रही है. उसकी पीड़ा बर्दास्त के बाहर है. इस एक घटना ने पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया है. ऐसे अपराध के लिये मात्र दस वर्ष की सजा उपयुक्त नहीं. इस फैसले के खिलाफ हम उपरी अदालत तक जायेंगे.

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