ठगी के लिए 400 कर्मचारी रखा था सिद्धार्थ बांठिया

कोलकाता : यूके, यूएसए व ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को ठगने के आरोप में कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार शातिर ठग सिद्धार्थ बांठिया अपने कर्मचारियों को 50 हजार रुपये तक की तनख्वाह देता था. सॉफ्टवेयर कंपनी के नाम पर कोलकाता के शरत बोस रोड में एक चार मंजिली इमारत में दफ्तर खोलकर वह ठगी का यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 7, 2019 1:29 AM

कोलकाता : यूके, यूएसए व ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को ठगने के आरोप में कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तार शातिर ठग सिद्धार्थ बांठिया अपने कर्मचारियों को 50 हजार रुपये तक की तनख्वाह देता था. सॉफ्टवेयर कंपनी के नाम पर कोलकाता के शरत बोस रोड में एक चार मंजिली इमारत में दफ्तर खोलकर वह ठगी का यह धंधा धड़ल्ले से चला रहा था.

पीड़ित विदेशी नागरिकों से इसकी शिकायत मिलने के बाद साॅफ्टवेयर कंपनी ने इसकी शिकायत कोलकाता के लालबाजार में स्थित साइबर थाने में दर्ज करायी थी.
जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रमुख आरोपी सिद्धार्थ बांठिया को गिरफ्तार किया था. प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार करने के कारण लंदन पुलिस के कमिश्नर ईयान डायशन ने कोलकाता पुलिस आयुक्त अनुज शर्मा को प्रशंसा पत्र भेजा है.
इस पत्र में सं‍युक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा के कार्य की भी तारीफ की गयी है. कोलकाता साइबर पुलिस के कार्य की सराहना करते हुए पत्र में गिरफ्तार आरोपियों को सख्त सजा देने का अवेदन भी किया है. कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक सिद्धार्थ बांठिया चार मंजिली इमारत में अवैध तरीके से कॉल सेंटर चलाता था. उसके इस कॉल सेंटर में 400 से अधिक कर्मचारी कार्य करते थे.
सभी को रोजाना 10 से 15 ब्रिटिश नागरिकों को ठगी के जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ठगने का दायित्व दिया गया था. इसके लिए उन्हें 35 से 50 हजार रुपये तक की तनख्वाह मिलती थी. कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक सिद्धार्थ को गिरफ्तार करने के बाद जांच के दौरान पता चला कि 23 हजार विदेशी नागरिकों को वह अबतक ठगी का शिकार बना चुका था.
मूलत: विदेशी नागरिकों को इंटरनेट कॉल कर खुद को प्रसिद्ध सॉफ्वेयर कंपनी का कर्मचारी बताता था. इसके बाद साॅफ्टवेयर अपडेट करने के नाम पर कंप्यूटर हैक कर लेता था. इसके बाद कंप्यूटर को सामान्य स्थिति में लाने के बदले वह मोटी रकम ठगता था. इस गिरोह से वहां की सरकार तक परेशान थी.

Next Article

Exit mobile version