मां के इलाज के लिए रुपये जुटाने को किया अपहरण, बाद में बना लिया धंधा

कोलकाता : हालात के भंवर में फंसकर इंसान कुछ भी करने को मजबूर हो जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ लोग सही व गलत का फर्क तक नहीं समझते. इस कारण कई बार अनजाने में वे गुनाह के रास्ते पर चल पड़ते हैं. बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट व उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम के निवासी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 11, 2017 9:41 AM
कोलकाता : हालात के भंवर में फंसकर इंसान कुछ भी करने को मजबूर हो जाता है, लेकिन इस दौरान कुछ लोग सही व गलत का फर्क तक नहीं समझते. इस कारण कई बार अनजाने में वे गुनाह के रास्ते पर चल पड़ते हैं. बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट व उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम के निवासी रहीम और करीम भी हालात के जाल में फंसकर कुछ इसी तरह गलत रास्ते पर भटक गये थे. फिर वह भटके हुए रास्ते पर इस तरह चलते गये, कि वह रास्ता सीधे दोनों को गुनाह के भंवर में डुबो दिया. अंत में दोनों पुलिस की गिरफ्त में आये और जेल की सलाखों के पीछे सजा काटने को मजबूर हो गये.
क्या है मामला
उत्तर 24 परगना के मध्यमग्राम के निवासी रहीम व बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट के निवासी करीम काफी गहरे दोस्त थे. दोनों में भाई से भी ज्यादा प्रेम व जान से बढ़कर लगाव था. बात गत वर्ष मार्च महीने की है. रहीम की मां अचानक बीमार पड़ गयी. आसपास के अस्पताल के चिकित्सकों को दिखाने के बावजूद उन्हें आखिर क्या तकलीफ है, इसका कारण समझ नहीं आ रहा था. कुछ लोगों ने सलाह दी कि एक बार बड़े अस्पताल में ले जाकर दिखवा लें. अब उनके लिए एकमात्र रास्ता बड़े अस्पताल में चिकित्सा करवाना ही था. लेकिन वे आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं थे कि कोई भी बड़े अस्पताल में अपनी मां को ले जा सकें. इधर, मां की बिगड़ती स्थिति भी उनसे देखी नहीं जा रही थी.
घंटों की बातचीत में अपहरण के जरिये रुपये जुगाड़ने का निकाला हल
रहीम ने पूरी जानकारी करीम को दी. इसके बाद दोनों ने मिलकर आपस में घंटों बातचीत की. लेकिन मां के इलाज के लिए रुपये कहां से आयेंगे, इसपर निष्कर्ष नहीं निकल सके. इसके बाद अचानक एक आइडिया दिमाग में सूझा. दोनों ने आपस में फैसला लिया कि बड़तल्ला में स्थित सोनागाछी इलाके में रात को अकेले सड़क किनारे जानेवाले लोगों को वे टारगेट करेंगे. इसके बाद दोनों उनसे रुपये पैसे छीन लेंगे. इससे अच्छे खासे रुपये हासिल हो जायेंगे. इसके बाद दोनों ने एक के बाद एक चार लोगों से मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में छिनताई की. लेकिन मोटी रकम इकट्ठा नहीं हो पा रही थी. तभी वहां से गुजर रहे सूटबूट में एक व्यक्ति का दोनों ने अपहरण कर लिया. उससे मोटी रकम भी मिल गयी. इसके बाद एक सप्ताह तक इलाज करने के बाद मां स्वस्थ भी हो गयी.
मजबूरी में किया अपहरण, उनके लिए अब बन गया धंधा
पांच जून 2016 को इसी तरह फिर से दोनों अकेले राहगीर का अपहरण करने के लिए घर से निकले. पांच जून की रात को दोनों ने मिलकर सड़क किनारे जा रहे सुरेश साव नामक एक व्यक्ति को बातों के जाल में फंसाकर उनका अपहरण कर लिया. सुरेश के घरवालों से मुक्ति के लिए एक करोड़ रुपये मांगे गये. इसके बाद मामला समझौते के जरिये आगे बढ़ा और पांच लाख रुपये देने के बाद सुरेश को रिहा किया गया. दोनों ने सोचा कि इसके पहले अब तक जैसे किसी भी पीड़ित ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज नहीं कराया था, इस मामले में भी थाने में शिकायत दर्ज नहीं होगा. लेकिन यह मामला थाने में पहुंचा. पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई भी शुरू कर दी.
स्केच बनाकर शुरू हुई जांच
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जांच शुरू कर आरोपियों का स्केच बनाया. स्केच बनते ही आरोपी शिनाख्त कर लिये गये. लालबाजार के एंटी राउडी स्वाकाड (एआरएस) की टीम ने भी मामले की जांच शुरू की और मध्यमग्राम से रहीम को गिरफ्तार किया. इसके बाद उससे पूछताछ के बाद करीम को भी गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों ने प्राथमिक बयान में पुलिस को बताया कि मां की इलाज के लिए ही उन्होंने ऐसा तरीका अपनाया था. लेकिन पुलिस ने उसके बयान की सच्चाई का पता लगाया, तो कुछ और ही सच्चाई सामने आयी. जांच अधिकारी बताते हैं कि मां की इलाज के लिए तो इन्होंने इस गलत तरीके से रुपये की जुगाड़ की ही थी. इसके बाद भी मां के स्वस्थ होने के बाद इन दोनों ने अब इसको अपना धंधा बना लिया था. तब से लेकर ये पांच से सात लोगों से छिनताई व दो से तीन लोगों का अपहरण कर मोटी रकम एेंठ चुके थे. लेकिन कोलकाता के रेडलाइट इलाके में वारदात को अंजाम देने के कारण अबतक पीड़ित व्यक्ति पुलिस के पास शिकायत लेकर जाने से कतराते थे. लेकिन सुरेश ने साहस दिखाया और उसके शिकायत की वजह से दोनों आरोपी पुलिस के जाल में फंस सके.

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