BHU का मुख्य द्वार बंद, वीसी की बर्खास्तगी को लेकर धरने पर बैठे छात्र

लखनऊ / बनारस:बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद पैदा तनाव का माहौल अब भी कायम है. सुरक्षा के लिहाज से बीएचयू के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है. वहीं छात्र वीसी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर फिर से धरने पर बैठ गये हैं. समाजवादी पार्टी के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 25, 2017 7:52 AM

लखनऊ / बनारस:बीएचयू में छेड़खानी का विरोध कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद पैदा तनाव का माहौल अब भी कायम है. सुरक्षा के लिहाज से बीएचयू के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है. वहीं छात्र वीसी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर फिर से धरने पर बैठ गये हैं. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.छेड़खानी के विरोध को लेकर पैदा तनाव के चौथे दिन आज 1000 छात्र – छात्राओं पर केस दर्ज कर दिया गया है.

उधर घटना को लेकर राज्य सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है. लंका इलाके के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है. एसएसपी ने भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी उनके पद से हटा दिया है. उधर प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी लाठीचार्ज की घटना को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस बीच बीएचयू में छुट्टी की घोषणा कर दी गयी है. फिलहाल बीएचयू परिसर में आवागमन बहाल हो चुका है लेकिन अंदर पीएसी के हजारों जवान तैनात हैं. वहीं इस घटना को लेकर दिल्ली में भी विभिन्न छात्र संगठन आज एकजुट हुए और एचआरडी मिनस्ट्री के बाहर प्रदर्शन किया

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बीएचयू की घटना को लेकर उठ रहे हैं कई सवाल

सुरक्षा पुख्ता करने की मांग कर रही छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है. घटना के तीन दिन बाद वीसी जीसी त्रिपाठी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि कुछ बाहर के लोग बीएचयू का माहौल खराब कर रहे हैं. वहीं छात्राओं का कहना है कि हमारी एक छोटी सी मांग थी कि हमें सुरक्षा दी जाये फिर शांतिपूर्वक की जा रही इस धरना – प्रदर्शन में लड़कियों पर लाठी चार्ज क्यों की गयी ? गौरतलब है कि छात्रा इस बात पर अड़े थे कि वीसी धरनास्थल पर आकर छात्राओं के साथ बात करें. इस बीच पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी. उसके बाद कैंपस का पूरा माहौल बिगड़ गया. छात्राओं के इस आंदोलन में छात्र भी कूद पड़े. पुलिस और छात्रों के बीच तनातनी का माहौल रहा और देखते ही देखते कैंपस रणक्षेत्र में बदल गया. बताया जा रहा है कि छात्रों ने पीएसी के जवान पर पथराव किया और पेट्रोल बम भी बरसाये. भड़की हिंसा से कई लोगों के घायल होने की खबर है.

BHU प्रशासन से कहां हुई चूक

परिसर में अब भी लाठी चार्ज की घटना को लेकर छात्रों के बीच आक्रोश का माहौल है.BHU के छात्रों ने बताया कि छात्राओं की मांग को गंभीरता से नहीं लेना पहली गलती थी. वीसी की अड़यिल रवैये से मामूली सी घटना ने हिंसात्मक रूप ले लिया. शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे छात्राओं पर लाठीचार्ज के फैसले ने बीएचयू परिसर को जंग के मैदान में बदल दिया. छात्राओं की माने तों सिंह द्वार के समीप मात्र 100- 200 छात्राएं धरने पर बैठी थीं. 52 घंटे से लगातार चल रहे प्रदर्शन करने वाली छात्राओं की संख्या वक्त के साथ कम होते जा रही थी लेकिन लाठीचार्ज के फैसले ने माहौल पूरी तरह बिगाड़ दिया. उस पर भी वीसी की खामोशी से हालात सुधरने की बजाय बिगड़ता गया.

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कांग्रेस नेता राजब्बर को बीएचयू में प्रवेश करने से रोका गया
बीएचयू में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आये कांग्रेस नेता राजब्बर को एयरपोर्ट के समीप ही रोक लिया गया. पुलिस ने राजबब्बर और पीएल पुनिया सहित कई कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. राजबब्बर को हिरासत में लेने के विरोध में पूरे प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया.
गौरतलब है कि शनिवार रात छेड़खानी को लेकर छात्राएं प्रदर्शन कर रही थी. इस दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया.जिसकी खबर फैलते ही छात्राओं के समर्थन में दूसरे हॉस्टल के छात्र भी आंदोलन में कूद गए और कुछ ही देर में आंदोलन हिंसक हो उठा. हालात को काबू में पाने के लिए मौके पर पहुंची पुलिस ने हवाईं फायरिंग की तो दूसरी तरफ से भी आगजनी की गई और पेट्रोल बम फेंके गए.माहौल इतना खराब हो गया की आसपास के जिलों से फोर्स मंगाई गई, लेकिन छात्रों की मोर्चाबंदी नहीं टूटी. रह रहकर पथराव होता रहा.
गुरूवार को छात्रा के साथ हुई थी छेड़खानी
गुरुवार की शाम बीएफए द्वितीय वर्ष की एक छात्रा दृश्यकला संकाय से हास्टल की ओर जा रही थी. इस दौरान भारत कला भवन के पास कुछ शोहदों ने उससे छेड़खानी की और कपड़े उतारने की कोशिश की. इस घटना से सहमी छात्रा ने बचाने की गुहार लगाई. छात्रा के मुताबिक चंद कदम की दूरी पर बैठे सुरक्षाकर्मियों ने उस पर ध्यान नहीं दिया. छात्रा ने जब इस बात की शिकायत की तो यह कहकर टाल दिया गया कि इतनी शाम को तुम्हें बचकर चलना चाहिए. इस घटना की जानकारी मिलते ही छात्राओं में उबाल आ गया.
लड़कियों ने एफआईआर में कहा था- छात्रावास के समीप लड़के करते हैं हस्तमैथुन
सुरक्षा को लेकर छात्राओं ने एफआईआर भी दर्ज कराया था. एफआईआर में छात्रों ने शिकायत की थी कि छात्रावास के समीप लड़के हस्तमैथुन करते हैं और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं. छात्रावास से आने – जाने का मार्ग सुरक्षित नहीं है. वहीं रात में सुरक्षा अधिकारी का तैनाती नहीं की गयी है. छात्राओं का कहना था कि आये दिन रास्ते में छेड़छाड़ की घटानएं होती रहती है. कैंपस में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को छेड़छाड़ का सामना करना पड़ता है, हम सबके लिए यह अत्यंत शर्मनाक है.

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