प्रतियोगी छात्र की सड़क हादसे में मौत, 45 मिनट तक तड़पता रहा सड़क पर, कोई नहीं आया मदद को

PRAYAGRAJ NEWS: प्रयागराज में हाईकोर्ट चौराहे के पास सड़क हादसे में प्रतियोगी छात्र गौतम आनंद की मौत हो गई. हादसे के बाद वह 45 मिनट तक सड़क पर तड़पता रहा, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. समय पर सहायता मिलती तो उसकी जान बच सकती थी.

By Abhishek Singh | May 24, 2025 11:01 PM

PRAYAGRAJ NEWS: सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के हाईकोर्ट चौराहे के पास शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में प्रतियोगी छात्र की मौत हो गई. 25 वर्षीय गौतम आनंद शांडिल्य दोस्त के घर से लौटते वक्त बाइक हादसे का शिकार हुआ. वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए तेलियरगंज में किराये के कमरे में रहता था.

दिल्ली का था मूल निवासी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ली थी शिक्षा

गौतम आनंद दिल्ली के प्रेमनगर थाना क्षेत्र के किरारी सुलेमान नगर का निवासी था. वह शिक्षक रणधीर कुमार शांडिल्य का पुत्र था. गौतम ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी की पढ़ाई की थी और वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था.

दोस्त की बाइक लेकर लौटते वक्त हुआ हादसा

शुक्रवार शाम गौतम अपने दोस्त नितिन से मिलने जगराम चौराहे गया था। लौटते वक्त वह दोस्त की बाइक चला रहा था. रात में हाईकोर्ट चौराहे के पास एक अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी. गंभीर रूप से घायल गौतम को पुलिस ने एसआरएन अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

45 मिनट तक सड़क पर पड़ा रहा घायल, कोई नहीं आया मदद को
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के बाद गौतम करीब 45 मिनट तक सड़क पर घायल पड़ा रहा. वहां मौजूद लोग सिर्फ तमाशबीन बने रहे और किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने की कोशिश नहीं की. यदि समय पर मदद मिलती, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी.

परिजनों में मचा कोहराम, हुआ अंतिम संस्कार

मौत की खबर मिलते ही गौतम के परिजन शनिवार को प्रयागराज पहुंचे. पोस्टमार्टम के बाद देर शाम रसूलाबाद घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया. गौतम हाल ही में घर गया था और कोचिंग की बात कर रहा था.

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी वाहन की पहचान में जुटी पुलिस

थाना प्रभारी रामाश्रय यादव ने बताया कि घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, जिससे अज्ञात वाहन की पहचान की जा सके.

सबक: मदद से डरें नहीं, लोगों की जान बचाएं

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि आखिर लोग एक्सीडेंट के समय मदद क्यों नहीं करते? अक्सर लोग यह सोचकर पीछे हट जाते हैं कि कहीं पुलिस उन्हें परेशान न करे. लेकिन अब समय आ गया है कि समाज इस सोच को बदले. घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाकर किसी की जान बचाई जा सकती है. पुलिस भी अब ऐसे मामलों में मददगार है, न कि परेशान करने वाली.

आपसे अपील है कि ऐसी किसी भी घटना को देखकर मूकदर्शक न बनें, मानवता दिखाएं और घायल की मदद करें.