माफिया अतीक अहमद जेल में लगाएगा झाडू़ और धोएगा भैंस, मिलेंगे 25 रुपये

साबरमती जेल में सजा काट रहे अतीक अहमद को झाडू़ लगाना होगा और साथ में बढ़ई का काम भी करना होगा. इतना ही नहीं उसे खेती करनी होगी और भैंसों को नहलाना होगा, साथ ही मवेशियों का ध्यान रखने का काम भी करना होगा.

By Prabhat Khabar | April 3, 2023 6:50 AM

प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण मामले में यूपी का पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद अब जेल में सजा काट रहा है. अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई हुई है. इस मामले की सुनवाई के लिए उसे गुजरात के साबरमती जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया गया था और सजा मिलने के बाद उसे दुबारा साबरमती जेल पहुंचा दिया गया है. कभी आतंक का पर्याय रहा यूपी का माफिया अतीक अहमद अब जेल में कैदी नंबर 17052 के रूप में जाना जा रहा है और अब उसे सजा के मुताबिक जेल के काम भी करने पड़ रहे हैं.

अतीक को जेल में करने होंगे ये काम

साबरमती जेल में सजा काट रहे अतीक अहमद को झाडू़ लगाना होगा और साथ में बढ़ई का काम भी करना होगा. इतना ही नहीं उसे खेती करनी होगी और भैंसों को नहलाना होगा, साथ ही मवेशियों का ध्यान रखने का काम भी करना होगा. उन्हें चारा भी खिलाना होगा और उनकी साफ- सफाई भी करनी होगी, जिसके एवज में उसे 25 रुपये दिए जाएंगे. अतीक अहमद को कैदियों वाले दो जोड़ी कपड़े दिए गए हैं, जिसमें उसका पसंदीदा सफेद कुर्ता, पैजामा टोपी और गमछा दिया गया है. अतीक अहमद का बैंक अकाउंट भी खोल दिया है, जिसमें उसे दिहाड़ी के तौर पर मिलने वाले 25 रुपये जमा कराए जाएंगे. रोजाना अतीक के जेल में काम करने के बदले उसे मिले उसके पैसे खाते में जमा कर दिए जाएंगे. बता दें कि जेल में इस माफिया डॉन को अकुशल कारीगर की श्रेणी में रखा गया है. उसे अगर कुशल श्रेणी में रखा जाता तो उसे रोजाना की 40 रुपये दिहाड़ी दी जाती.

जेल में अतीक को खाने में मिलता है दाल-रोटी-सब्जी

कभी अय्याशी और आराम की जिंदगी जीने वाले अतीक अहमद को अब जेल का खाना खाना पड़ रहा है. अतीक को खाने में रोटी, दाल और चावल के साथ सब्जी दी जा रही है. अतीक अहमद की बैरक बदलकर उसे सजायाफ्ता कैदियों के पक्के बैरेक में शिफ्ट कर दिया गया है. इस तरह से अब उसे पक्का कैदी कहा जाएगा. आपको बता दें कि उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. जिसमें उसके भाई अशरफ को दोषमुक्त करार दिया गया था.

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