Bada Mangal 2022: पहला बड़ा मंगल 17 मई को, बजरंगबली की पूजा के लिये मंदिर सज-संवर कर तैयार, लगेंगे भंडारे

लखनऊ के बड़ा मंगल का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है. यहां कई प्राचीन हनुमान मंदिर है. अलीगंज का पुराना हनुमान मंदिर अपनी अलग ही पहचान रखता है. इतिहासकार बताते हैं कि अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की स्थापना नवाब शुजाउद्दौला की बेगम और दिल्ली के मुगल खानदान की बेटी आलिया बेगम ने करायी थी.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 16, 2022 6:12 PM

Lucknow: बजरंगबली की कृपा बरसाने वाला बड़ा मंगल इस बार 17 मई को है. 14 जून को अंतिम बड़ा मंगल होगा. खास बात यह है कि इस बार पांच बड़ा मंगल होंगे. पहला 17 मई, दूसरा 24 मई, तीसरा 31 मई, चौथा 7 जून और पांचवां बड़ा मंगल ( इसे बुढ‍़वा मंगल भी कहते हैं) 14 जून को होगा.

लखनऊ के बड़ा मंगल का इतिहास लगभग 400 साल पुराना है. यहां कई प्राचीन हनुमान मंदिर है. अलीगंज का पुराना हनुमान मंदिर अपनी अलग ही पहचान रखता है. इतिहासकार बताते हैं कि अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर की स्थापना नवाब शुजाउद्दौला की बेगम और दिल्ली के मुगल खानदान की बेटी आलिया बेगम ने करायी थी. बेगम के सपने में बजरंगबली आए थे. उन्होंने सपने में एक टीले में प्रतिमा होने की जानकारी दी थी.

इसके बाद बड़ी बेगम ने टीले को खोदने के निर्देश दिये. खोदायी में वहां बजरंगबली की प्रतिमा मिली. जिसे हाथी पर रखकर मंगाया गया. बेगम की मंशा प्रतिमा को गोमती के इस पार स्थापित करने की थी. लेकिन हाथी अलीगंज उस जगह से आगे नहीं बढ़ा, जहां पुराना हनुमान मंदिर है. इसके बाद वहीं प्रतिमा की स्थापना की गई. सन् 1792 से 1802 के बीच मंदिर का निर्माण हुआ.

हनुमान मंदिर के गुंबद पर चांद का निशान यहां की गंगा-जमुनी सभ्यता, एकता और भाईचारे गवाही देता है. यह भी मान्यता है कि मंदिर की स्थापना काल के कुछ वर्षों के बाद फैली महामारी को दूर करने के लिए बेगम ने बजरंगबली की अराधना की थी. इसके बाद महामारी खत्म हो गयी थी. इसी के बाद एक आयोजन किया गया. वह दिन ज्येष्ठ का मंगल था. इसी के बाद से आयोजन की यह परंपरा जारी है.

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लगता है बड़ा मेला

बड़ा मंगल पर लखनऊ के अलीगंज पुराने और नये हनुमान मंदिर, अमीनाबाद हनुमान मंदिर, हनुमान सेतु मंदिर पर बड़ा मेला लगता है. यह परंपरा भी नवाबों के समय से चल रहा है. अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिये लेट-लेटकर मंदिर जाते हैं. वहीं हजारों भक्त नंगे पैर भी दर्शन के लिये पहुंचते हैं.

सिंदूर भी चढ़ाते हैं भक्त

बजरंगबली भगवान शिव के अवतार हैं. इन्हें संकटमोचन के रूप में भी पूजा जाता है. माता सीता ने हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नवनिधि की प्राप्ति का वरदान दिया था. भक्त व्रत रखकर राम-सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी का पूजन करते हैं. सुंदर कांड और रामचरित मानस का पाठ करते हैं. भक्त हनुमान जी को लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फूल, चमेली के तेल में मिलाकर सिंदूर चढ़ाते है. तुलसी पत्र, बेसन के लडडू और बूंदी के रूप में प्रसाद चढ़ाया जाता है.

भंडारे लगाने की परंपरा

बड़ा मंगल पर भंडारा लगाने की परंपरा भी है. श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुसार भंडारा लगाकर पूड़ी-सब्जी, छोला-चावल, हलवा, शर्बत, पानी बंटवाते हैं. इस दिन कोई भी खाली पेट नहीं रहता. जगह-जगह लगे भंडारे में हर वर्ग के लोगों को प्रसाद के रूप में पूड़ी-सब्जी व भोजन खाने को मिलता है.

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