Akhilesh Yadav: अखिलेश यादव ने कसा तंज, गर्मी शुरू, ट्रांसफार्मर जले लेकिन सरकार ऑल इज वेल के मूड में

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार की बिजली व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि बिजली की लाइनों में फाल्ट होने से समस्याएं है. जर्जर तारों के टूटने से किसानों की खेत में खड़ी और खलिहान में पड़ी गेहूं की फसल आग में स्वाहा हो रही है. बिजली न मिलने से इनवर्टर तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 22, 2022 9:34 PM

Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि बीजेपी राज में पानी-बिजली का संकट गहराने लगा है. राज्य सरकार हमेशा ‘ऑल इज वेल’ के मूड में रहती है, इसलिए जनता की परेशानियों से वह कोई वास्ता नहीं रखती है, मुख्यमंत्री योगी अपने को बैठक-दर-बैठक में व्यस्त रखते हैं और आदेश पर आदेश निकाल कर संतुष्ट हो जाते हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि अभी गर्मी की शुरुआत में ही, ट्रांसफार्मर जल रहे हैं. लोग घंटो-घंटो तक अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. बिजली के अभाव में नलों से पानी भी नहीं आता है. अधिकांश जगह हैंडपंप बेकार पड़े हैं और ट्यूबवेल भी काम नहीं कर रहे हैं. सबसे बुरी दशा तो बुंदेलखंड की है. जहां पहाड़ी इलाका होने से पेयजल संकट से लोग त्रस्त हो चले हैं.

सपा अध्यक्ष ने कहा बुंदेलखंड बीजेपी राज में उपेक्षा का शिकार बना हुआ है. झांसी के कैमासनपुरम और करगुवांजी कालोनी में 10 हजार लोगों की आबादी है. यहां के लोगों को आबादी से 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है. इस क्षेत्र में हैंडपंप-ट्यूबवेल दोनों बेकार पड़े हैं. उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में बिजली कटौती से जनजीवन त्रस्त है. कई जगह अघोषित कटौती से लोग आजिज है.

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अखिलेश यादव ने कहा कि वैसे बिजली मिले न मिले बढ़े हुए बिजली के बिल अवश्य समय से आ जाते हैं. छोटे-मोटे बिजली उपभोक्ताओं को विभागीय दंडात्मक कार्रवाई की धमकियां अलग से मिलती है. ग्रामीण इलाकों में 10 से 12 घंटे भी बिजली की आपूर्ति नहीं होने से गर्मी में लोग तड़प रहे हैं. बिजली कटौती से शाम का खाना भी अंधेरे में लोग खाने को मजबूर हैं. सरकार ने केरोसिन के वितरण पर भी रोक लगा रखी है.

सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बीजेपी सरकार की बिजली व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि बिजली की लाइनों में फाल्ट होने से भी समस्याएं है. जर्जर तारों के टूटने से किसानों की खेत में खड़ी और खलिहान में पड़ी गेहूं की फसल आग में स्वाहा हो रही है. बिजली न मिलने से इनवर्टर तक चार्ज नहीं हो पा रहे हैं. बिजली उपकरण शो पीस बनकर रह गए हैं. कई स्थानों पर बिजली संकट के चलते किसान तथा अन्य उपभोक्ता प्रदर्शन भी करने लगे हैं.

राजधानी लखनऊ में ही बिजली पानी संकट ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. शहर के सबसे घनी आबादी और भीड़ भरे बाजार अमीनाबाद में एक साथ चार ट्रांसफार्मर जल गए. ट्रांसफार्मर की आग आसपास के घरों तक पहुंच गई. 12 हजार से ज्यादा लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए. उन्होंने कहा कि जब बिजली संकट से ही प्रदेश उबर नहीं पा रहा है तो भाजपा सरकार की ‘हर घर नल योजना‘ से क्या उम्मीद की जाए?

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