तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय देगा संविधान के अनुरुप फैसला : मायावती

लखनऊ : ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर मुसलमान महिलाओं को बसपा सुप्रीमो मायावती के रूप में एक मजबूत समर्थक मिला है. मायावती ने आज विश्वास जताया कि मुसलमान महिलाओं को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुरुप इस बारे में फैसला देगा.... मायावती ने अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2017 6:00 PM

लखनऊ : ‘तीन तलाक’ के मुद्दे पर मुसलमान महिलाओं को बसपा सुप्रीमो मायावती के रूप में एक मजबूत समर्थक मिला है. मायावती ने आज विश्वास जताया कि मुसलमान महिलाओं को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुरुप इस बारे में फैसला देगा.

मायावती ने अंबेडकर जयंती के मौके पर पार्टी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारी पार्टी चाहती है कि तीन तलाक के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय केंद्र और राज्य की सरकारों की राय के बिना भारतीय संविधान के अनुरुप फैसला दे।” उन्होंने कहा कि मीडिया खबरों को देखें तो ऐसा नहीं लगता कि मुस्लिम पर्सनल ला से जुडे वरिष्ठ लोग इस बारे में गंभीर हैं कि मुसलमान महिलाओं को तीन तलाक के मुद्दे पर इंसाफ मिले। हमें नहीं लगता कि मुस्लिम पर्सनल ला तीन तलाक पर पीडित मुस्लिम महिलाओं को जल्द न्याय दे सकेगा। ऐसे में शीर्ष अदालत को न्याय करना चाहिए.
मायावती ने पिछले साल अक्तूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तीन तलाक केे मुद्दे पर उनकी राय के लिए आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि ऐसे मसले मुस्लिम समुदाय पर छोड दिये जाने चाहिए और राजनीतिक फायदे के लिए विशेष तौर पर चुनाव के मौके पर इसे नहीं उछालना चाहिए.
पशु वधशालाओं को बंद करने के फैसले पर मायावती ने कहा कि इस कारोबार में शामिल लोगों को अदालत का दरवाजा खटखटाने पर बाध्य होना पडा. आबादी वाले क्षेत्रों में शराब की दुकानें बंद करने की मांग पर उन्होंने कहा कि बसपा इसका समर्थन करती है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि भाजपा सरकार आर्थिक फायदे और पूंजीवादी मानसिकता के चलते इस मुद्दे पर मौन है.
किसानों की कर्ज माफी के बारे में मायावती ने कहा कि केवल एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ किये गये। यह जनता के साथ विश्वासघात है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में पूर्ण कर्ज माफी का वायदा किया था. उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसान धरने पर हैं लेकिन सरकार को इसकी चिन्ता नहीं है.
मायावती ने अपने पार्टी नेताओं को आगाह भी किया कि वे जनता या पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं के निदान के लिए भाजपा या अन्य दलों के सांसदों, विधायकों या मंत्रियों से मुलाकात ना करें बल्कि इस मकसद से अधिकारियों से मिलें.