जरूरत पड़ने पर जिले में 30 पॉजिटिव मरीजों का होगा इलाज

बलिया : तबलीगी जमात के बाद देश भर में तेजी से बढ़े कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. यदि जिले में आवश्यकता पड़ी तो 30 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को जिले में संभाला जा सकता है. तीखमपुर स्थित अशर्फी हॉस्पिटल को इसके लिए लेवल वन का अस्पताल नामित […]

By Prabhat Khabar | April 6, 2020 4:02 AM

बलिया : तबलीगी जमात के बाद देश भर में तेजी से बढ़े कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. यदि जिले में आवश्यकता पड़ी तो 30 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को जिले में संभाला जा सकता है. तीखमपुर स्थित अशर्फी हॉस्पिटल को इसके लिए लेवल वन का अस्पताल नामित किया गया है और 25-25 सदस्यों की दो टीमों को इसके लिए पूरी तरह तैयार किया गया है. कोरोना मरीजों की देखरेख के लिए तैनात 50 कर्मवीर योद्धाओं को भी हॉस्पिटल में ही क्वारंटाइन प्रवास दिया गया है. 15 दिन एक टीम और 15 दिन दूसरी टीम इस ड्यूटी में रहेगी. जिलाधिकारी श्रीहरिप्रताप शाही ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से युद्ध लड़ने वाले योद्धाओं का परिचय कराया तथा तैयारियों का डेमो भी प्रस्तुत किया. कोरोना वायरस से जंग के लिए बलिया पूरी तरह तैयार है.

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही, संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन व अन्नपूर्णा गर्ग के नेतृत्व में अशर्फी अस्पताल में हर सुविधा से लैस 30 बेड तैयार रखा गया है. 25-25 सदस्यीय दो चिकित्सा दल भी बनाया गया है, जो 15-15 दिन काम करेगी. इस तरह जिला प्रशासन की सुपर-50 टीम ने पूरी तरह कमर कस लिया है. जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने रविवार को असर्फी अस्पताल पहुंचकर दोनों टीमों की हौसला अफजाई की. भरोसा भी दिलाया कि हर परिस्थिति में सभी के साथ पूरी तन्मयता से खड़े रहेंगे. वहीं टीम में तैनात डॉक्टर, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय व स्वीपर ने इस लड़ाई में अपने योगदान को सौभाग्य बताया. अस्पताल पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी ने सभी कर्मचारियों से बातचीत की और सभी को सलाम किया.

कहा कि आज सबसे अहम रोल आप सभी कर्मवीरों की है. कोरोना जैसी आपदा की लड़ाई लड़ने में आप सबके इस योगदान को कभी भुलाया नहीं जायेगा. भरोसा दिलाया कि इस संकट में आपके और आपके परिवार की देखभाल के लिए हम सबका सहयोग मिलेगा. ड्यूटी के बाद 14 दिन रहेंगे क्वारंटाइनजिलाधिकारी ने कहा कि दो चिकित्सा दल में एक दल 15 दिन ड्यूटी करेंगे. इसके बाद वह टीम 14 दिन क्वारंटाइन रहेंगे. क्वारंटाइन के लिए असर्फी अस्पताल के दूसरे तल पर व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा शहर का एक बेहतर होटल भी लिया गया है. उन्होंने कहा कि हम अपने कर्मवीरों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह संवेदनशील है. पीपीइ किट पहनाकर कराया डिस्प्ले इलाज के लिए लगायी गयी चिकित्सकीय टीम की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया है.

उनके लिए पर्याप्त मात्रा में पीपीइ किट मंगा ली गयी है. एक कर्मचारी को पूरा किट पहनाकर डिस्प्ले भी कराया गया. संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन ने इस किट के बारे में विधिवत जानकारी दी. जैन ने कहा कि अभी तक कोरोना का कोई भी केस सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी हमारे पास 30 मरीजों के इलाज की पूरी तैयारी है

बाक्स–कोरोना से जंग लड़ने वाले योद्धाफोटो–03–डॉ सीपी पांडेयडर लगा, परिवार भी घबराया, पर याद आया डॉक्टर का कर्तव्य डॉ सीपी पांडेय ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस गंभीर बीमारी से लड़ी जा रही जंग में जब ड्यूटी लगी तो थोड़ा डर लगा, घर परिवार के लोग भी घबराये पर डॉक्टर की पढ़ाई के दौरान बताये गये कर्तव्य की याद आयी. फिर निर्णय लिया कि यही समय है अपने दायित्वों के बेहतर ढंग से निर्वहन का. जिला प्रशासन, खासकर संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन द्वारा जिस तरह आत्मविश्वास पैदा किया गया, उससे और बल मिला. जिस तरह इसके पहले भी कई गंभीर और लाइलाज बीमारी में हम डॉक्टरों ने डटकर काम किया है, उसी तरह आज भी हम कोरोना से जंग को पूरी तरह तैयार हैं.

शैलेश पांडेयसेना के जवान की तरह हम भी डटे रहेंगेफार्मासिस्ट शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि कोरोना के इस प्रकोप में काम करना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन चिकित्सकीय स्टॉफ का यही कर्तव्य निभाने का सही समय भी है. जब सेना के जवान विपरीत परिस्थिति में हर मौसम में खड़े रहकर काम कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं. अगर जवान बार्डर से वापस आ जाए तो क्या होगा. ठीक इसी तरह आज भी चिकित्सा पेशा से जुड़े हर स्टॉफ को डटकर सेवा भाव से आगे रहना होगा. हम भी तब तक डटे रहेंगे जब तक कोरोना को भगा न दें. देश को इस आपदा से बचाने में हम सबका योगदान काफी सौभाग्यशाली क्षण है.

शारदानंदप्रशासन से मिल रहा पूरा सहयोगवार्ड ब्वाय शारदानंद ने कहा कि थोड़ी घबराहट हुई, लेकिन यहां आने के बाद अन्य कर्मियों से मिलने के बाद बल मिला. ऐसा लगा कि आफत के समय में ही बेहतर तरीके से योगदान देने का सही समय है. जिला प्रशासन की ओर से जिस तरह उत्साहवर्धन और हम सबके स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा रहा है, इससे भी काफी प्रोत्साहन मिला है.

आज हम टीम भावना के साथ इस लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार है. सुरेंद्र सिंह छावड़ापीपीई किट का निर्माण कर किया बड़ा कामजब पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) किट की कमी हर जगह से सुनने में आ रही थी, ऐसे समय में स्थानीय स्तर पर पीपीई किट का निर्माण करने वाले उद्यमी सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने भी अपना अनुभाव सामने रखा. छाबड़ा ने कहा कि पीपीई किट की कमी की बात सुनने को मिली तो मेरा ध्यान गया कि क्यों न कोरोना की जंग लड़ने वाले योद्धाओं की सुरक्षा के लिए कुछ किया जाए. संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन का इसमें साथ मिला तो और बल मिला. निर्माण के बाद मेडिकली जांच के बाद इसे कर्मवीरों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध कराया गया.

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