समाजवादी पार्टी ने लॉकडाउन की स्थिति पर सरकार को घेरा

बलिया: लॉकडाउन की स्थिति पर रविवार को समाजवादी पार्टी ने सरकार को जमकर घेरा. लखनऊ में विधानसभा के नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने जहां की खामियां गिनायी तो बलिया में मोर्चा संभाला पूर्व मंत्री नारद राय ने. दोनों नेताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की योगी सरकार लॉकडाउन का मखौल उड़ा रही है. […]

By Prabhat Khabar | April 20, 2020 1:29 AM

बलिया: लॉकडाउन की स्थिति पर रविवार को समाजवादी पार्टी ने सरकार को जमकर घेरा. लखनऊ में विधानसभा के नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने जहां की खामियां गिनायी तो बलिया में मोर्चा संभाला पूर्व मंत्री नारद राय ने. दोनों नेताओं ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की योगी सरकार लॉकडाउन का मखौल उड़ा रही है. सारी घोषणाएं और कार्यवाही कागजों पर संचालित की जा रही है. आम जनमानस को कोई राहत नहीं मिल रही है. सूबे के अंदर और सूबे से बाहर फंसे लोग भोजन-पानी तक के लिए बिलबिला रहे हैं. सरकार केवल दिखावा करने में जुटी है.

प्रदेश के सभी जिलों की स्थिति भयावह, सरकार को दिख रहे सिर्फ 40 :

उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि आम आदमी के हित की बात केवल अखबार, रेडियो, दूरदर्शन और चैनलों पर ही की जा रही है. सूबे के केवल 40 जिले ही नहीं, सभी 75 जिलों की स्थिति भयावह है. सरकार के एक अधिकारी ने 40 जिलों की स्थिति पर राज्य सरकार के अंसतोष को स्वयं कबूल किया है. इसे मुख्यमंत्री को गंभीरता से लेना चाहिए. जब तक स्थिति संतोषजनक नहीं हो जाती, प्रदेश कोरोना मुक्त नहीं हो जाता जब तक उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे ऐसी लापरवाही न हो.

कहा है कि सूबे में शासन का मतलब वर्तमान में कुछ खास लोगों और उनसे जुड़े इलीट वर्ग का हित रह गया है. आम आदमी के साथ क्या हो रहा है अंबेडकर नगर की घटना से समझा जा सकता है. हाइवे पर मजदूरों को मुर्गा बनाने वाले, समूह में बैठाकर मजलूमों पर केमिकल छिड़काव करने वालों और पैदल घर आ रहे मजदूरों की पिटाई के मामलों में मुख्यमंत्री ने पूर्व में ही कड़ी कार्रवाई की होती तो अांबेडकर नगर की उपरोक्त दुखद घटना नहीं होती. लोग कोरोना से नहीं भूख से दम तोड़ रहे हैं.

सूबे की 30 फीसदी वह आबादी जो अपने श्रम से अपने पैरों पर खड़ीं थी, शासन के अनियोजित फैसलों के कारण वर्तमान में खुद मोहताज हो गयी. इसमें से अधिसंख्य दलित, अतिपिछड़े, पिछड़े, अल्पसंख्यक औऱ गरीब सवर्ण हैं. इसलिए शासन इस तरफ देखने की ज़हमत नहीं उठा रहा है. रामगोविन्द चौधरी ने लोगों से अपील की है कि वह कोरोना को हराने के लिए तीन मई तक अपने अपने घरों में रहें और खेती बारी या अन्य जरूरी कार्य से निकलने की स्थिति में भी शारीरिक दूरी बनाए रखे.

दिल्ली, मुंबई के मजदूरों के बारे में भी सोचे प्रदेश सरकार: नारद रायफोटो–12समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित किया है. कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सुझाव पर सरकार ने यह आदेश दिया कि जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं उन्हें भी राशन दिया जाएगा. ऐसे में सभी जिलों में इस पर अमल होना चाहिए. श्री राय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान को भी सही बताया जिसमें उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री द्वारा कोटा से बच्चों को बुलाने को लॉकडाउन का माखौल उड़ाना बताया है. कहा कि मैं कोटा से बच्चों को वापस बुलाने को गलत नहीं कहता पर मेरा सवाल है कि सिर्फ इंजीनियर बनने गये बच्चे ही क्यों.

सरकार को दिल्ली, गुजरात और मुंबई में फंसे मजदूरों को लाने का प्रबंध करना चाहिए. श्री राय ने महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे के उस आदेश पर भी आश्चर्य जताया जिसमें महाराष्ट्र के एक लाख 30 हजार चीनी मिल मज़दूरों को जांच के उपरांत उनके घर भेजने की बात कही गयी है. कहा कि वह इसलिए किया जा रहा है कि सभी मज़दूर महाराष्ट्र के ही रहनेवाले है. सरकार से मांग की कि उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश एवं बिहार के मज़दूरों को जांच कराकर उनको भी घर पहुंचाने का प्रबंध किया जाना चाहिए. यदि महाराष्ट्र सरकार ऐसा नहीं करती तो यूपी सरकार क्यों नहीं. कहा बिहार सरकार को भी इसमें पहल करनी चाहिए और भारत सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

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