UP Flood : बाढ़ की चपेट में 24 जिलों के 605 गांव, हर घंटे बढ़ रहा 1 सेंटीमीटर पानी

यूपी में बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है. यूपी के 24 जिलों में 605 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. गंगा, यमुना समेत कई और नदियां खतरे के निशान के ऊपर आ चुका है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2021 1:01 PM

Flood in UP: उत्तर प्रदेश में अत्यधिक बारिश और बांधों से एक साथ पानी छोड़े जाने के कारण सभी नदियां उफान पर है. राज्य के लगभग 24 जिलों के 605 गांव बाढ़ (Flood) की चपेट में आ गए हैं. इनमें से 110 गांवों का संपर्क एक दूसरे से कट गया है. जबकि 20 गांवों में कटान हो रही है. इनके अलावा जलभराव (Water logging) के कारण 107 गांवों में आबादी, 239 में खेती और 129 गांवों में जनजीवन और कृषि दोनों प्रभावित हैं.

हर घंटे बढ़ रहा 1 सेंटीमीटर पानी

वाराणसी में गंगा 1 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ाव अब भी जारी है. जिससे लोगों में भय की स्थिति बनी हुई है. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक वाराणसी में गंगा का जलस्तर 72.12 मीटर तक पहुंच गया है और अभी भी इसमें 1 सेंटीमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बढ़ोतरी जारी है.

ये गांव बाढ़ की चपेट में

राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के हमीरपुर, बांदा, इटावा, जालौन, वाराणसी, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर नगर और फतेहपुर के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

प्रदेश में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना

राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, प्रदेश में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना की गई है, जो बाढ़ में फंसे लोगों के लिए डूबते को तिनका का सहारा बनकर उभर रहा है. वहीं बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कुल 1463 नाव का प्रयोग किया जा रहा है. राज्य में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 1125 चौकियां स्थापित की गई हैं.

बाढ़ क्षेत्रों में चिकित्सीय सहायता के लिए कुल 504 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं. अब तक 536 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में राहत और बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 59 टीमें तैनात की गई हैं.

Posted By Ashish Lata

Next Article

Exit mobile version