UP News: किसानों को खेत में तालाब बनवाने पर मिलेगी सब्सिडी, ड्रोन से केमिकल छिड़काव पर मिलेगा आर्थिक लाभ

UP News: किसानों को फसलों की सिंचाई में भी काफी राशि खर्च करनी पड़ती है. इसी का ख्याल कर सरकार ने खेत में तलाब बनाने पर किसानों को आर्थिक लाभ (Subsidy) देने का फैसला लिया है. किसानों को खेत में तालाब बनाने पर सरकार 50 फीसद तक सब्सिडी देगी.

By Prabhat Khabar | January 31, 2023 11:34 AM

Bareilly News: अत्याधिक जल दोहन के चलते जलस्तर नीचे जा रहा है. इससे आने वाले समय में पानी की दिक्कत बढ़ सकती है. किसानों को फसलों की सिंचाई में भी काफी राशि खर्च करनी पड़ती है. इसी का ख्याल कर सरकार ने खेत में तलाब बनाने पर किसानों को आर्थिक लाभ (Subsidy) देने का फैसला लिया है. किसानों को खेत में तालाब बनाने पर सरकार 50 फीसद तक सब्सिडी देगी.

तालाब के माध्यम से किसान फसलों की सिंचाई करेंगे

तालाब के माध्यम से किसान फसलों की सिंचाई करेंगे, तो वहीं तालाब में मछली पालन से मुनाफा भी कमा सकेंगे. किसानों के बैंक खातों में सब्सिडी की राशि तीन किस्तों में आएगी. छोटे तालाब के निर्माण पर 52500 रुपए और मध्यम तालाब पर 114,200 रुपए मिलेंगे. यूपी के किसान पारदर्शी किसान सेवा योजना पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन से भी योजना का लाभ मिलेगा. योजना के लाभ को आवेदन शुल्क 1000 रुपए रखा गया है.

ड्रोन से करें केमिकल का छिड़काव

खेतों में कीटनाशक और दूसरे केमिकल छिड़काव से इंसान को बीमारी हो सकती है. मगर, ड्रोन की मदद से कम समय में छिड़काव हो सकता है. इससे सेहत को भी नुकसान नहीं होगा. आमतौर पर छिड़काव करने में घंटों लगते हैं, तो वहीं ड्रोन को 1 एकड़ भूमि के क्षेत्र में छिड़काव करने में मुश्किल से 10-15 मिनट लगते हैं. इससे किसानों का काफी समय बचता है. ड्रोन के लिए भी सरकार सब्सिडी दे रही है.

अन्नदाता लगाएं सौर ऊर्जा सिंचाई पंप

किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगाने की सुविधा दी जा रही है, ताकि किसान सौर ऊर्जा का उपयोग कर कम खर्चे में बेहतर फसल उगा सकें. इस योजना के तहत किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाने में सरकार की ओर से मदद मिलती है. इसमें 60 से 90 फीसद तक सब्सिडी मिलेगी.

यह होना चाहिए तालाब का आकार

  • छोटे तालाब – (22×20×3 मी०) लागत/तालाब – रु. 105000

  • मध्यम तालाब- (35×30×3 मी०) लागत/तालाब-रु. 228400

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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