Kanpur Crime: नकली नोट मामले में फौजी शामिल, गिरफ्तार सदस्य ने किया खुलासा, डार्क वेब का ऐसे करते थे इस्तेमाल

Kanpur Crime: घाटमपुर पुलिस ने नकली नोट गैंग से जुड़े एक अन्य आरोपित को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ में एक फौजी के नेटवर्क में शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस रेजीमेंट में फौजी तैनात है, वहां के अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी जाएगी

By Prabhat Khabar | January 19, 2023 9:24 PM

Kanpur: कानपुर में नकली नोट छापने वाले गैंग के सदस्य को पुलिस ने धर दबोचा है. घाटमपुर पुलिस पकड़े गए युवक से पूछताछ कर रही है. पूछताछ में कानपुर के एक गांव के रहने वाले एक फौजी के भी शामिल होने का मामला सामने आया है, जिसके बाद गिरोह के सदस्यों में हड़कंप मच गया है. गिरोह के सदस्य ने पूछताछ में फौजी के बारे में अहम जानकारी दी है. फिलहाल फौजी जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात है, जो संवेदनशील सीमा क्षेत्र में आता है. पुलिस फौजी के रेजीमेंट को पत्र लिखकर इस बाबत की सूचना देगी.

फौजी का नकली नोट गिरोह का नेटवर्क

घाटमपुर पुलिस ने बुधवार को नकली नोट गैंग से जुड़े एक अन्य आरोपित को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ में एक फौजी के नेटवर्क में शामिल होने की जानकारी मिली है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिस रेजीमेंट में फौजी तैनात है, वहां के अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी होगी.

साइबर विशेषज्ञों की ली जाएगी मदद

डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि फौजी के जाली नोट के रैकेट में शामिल होने की तस्दीक हुई है. सेना अधिकारियों से आरोपित को लेकर पत्राचार किया जाएगा. कई और लोग भी इस गिरोह में शामिल हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. जल्द ही उनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा. वहीं डार्क वेब पर हुई गतिविधियों की जानकारी जुटाने के लिए साइबर विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी. दरअसल डार्क वेब पर अपराधी को सिर्फ आईपी एड्रेस के जरिए आसानी से ट्रेस नहीं किया जा सकता है.

इस तरह हत्थे चढ़ा था गैंग

पिछले साल सितंबर में घाटमपुर पुलिस को बाजार में कुछ दुकानदारों से जाली नोट इस्तेमाल होने की सूचना मिली थी. इस पर पुलिस ने छानबीन शुरू की और 1 अक्टूबर को पतारा पहुंची. वहीं से एक नाबालिग युवक को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ हुई. पूछताछ के दौरान उसने कई युवकों का नाम लिया था.

इस पर उसका एक साथी विभू यादव गिरफ्तार हुआ और दोनों के पास से करीब 100 रुपये के नकली नोट बरामद हुए, जिनकी कीमत 42 हजार रुपये बताई गई थी. वहीं पकड़ा गया नाबालिग साइबर एक्सपर्ट है, उसने डार्क वेब का इस्तेमाल कर चीन से नोट छापने वाला कागज मंगाया था.

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मामले की विवेचना में पुलिस को मयाराम खेड़ा औंग फतेहपुर के रहने वाले अंशु सिंह के बारे में जानकारी मिली. पुलिस उसकी तलाश के लिए दबिश दे रही थी. लेकिन, वह फरार था. इस बीच पुलिस का दबाव बढ़ता देख अंशु ने 15 दिसंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इसके बाद 23 दिसंबर को उसे पुलिस ने रिमांड पर लिया.

पूछताछ में पनियन मऊ भोगनीपुर कानपुर देहात निवासी अर्पित सचान का नाम सामने आया था. इसके बाद पुलिस ने बुधवार को अर्पित को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह ने उसे भी कुछ नोट भी बाजार में चलाने को दिए थे. डीसीपी साउथ के मुताबिक अर्पित सचान ने गिरोह में फौजी के होने की सूचना दी है. वह नर्वल का रहने वाला है और वर्तमान में सीमा पर तैनात है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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